
बुलंदशहर. इन दिनों सोशल मीडिया पर ऐसे फर्जी धार्मिक संगठन और साइट चल रही हैं, जो विदेश में बैठकर चंदे के नाम पर हजारों और लाखों डालर एकत्र कर रही हैं। ऐसी संस्थाओं को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने आगाह किया है। धर्मगुरुओं ने कहा है कि अगर दान देना ही है तो अपने देश के भीतर दें। विदेशी संस्थाओं और धार्मिक संगठनों को दान देने का कोई औचित्य नहीं है।
धर्मगुरु मोहम्मद इकराम ने बैठक में बताया कि बुलंदशहर में तब्लीगी जमात की 2018 में एक बड़ा कार्यक्रम हुआ था, जिसमें लाखों की संख्या में मुस्लिमों ने भाग लिया था। उस दौरान भी दान और चंदे को लेकर मुस्लिम समाज को आगाह किया गया था कि मुस्लिम लोग चंदे और दान को लेकर सतर्क रहें, लेकिन उसके बाद भी देखा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर कई विदेशी संगठन आए दिन मुस्लिम समाज के लोगों से चंदा के नाम पर धन की उगाही कर रहे हैं। जबकि इन संगठनों का देश के भीतर किसी प्रकार का कोई ढांचा नहीं है।
सूरत से आए धर्मगुरु रहमतर्तुला ने बैठक में आगाह किया कि कुछ विदेशी जो कि देश में मौजूद नहीं हैं। थोड़े समय में अपने देश के कोविड -19 पीड़ितों की मदद के नाम पर हजारों डॉलर एकत्र कर रहे हैं। ये संगठन शेयर, संगठन के बोर्ड के सदस्यों में फेरबदल करते रहते हैं। भले ही चैरिटी का काम वर्षों से निष्क्रिय रहता है। धर्मार्थ कार्यों की वैधता को साबित किए बिना चंदा एकत्र कर रहे हैं। उन्होंने आगाह कि ये संगठन की वेबसाइट पर नकली चित्र और दस्तावेज लगाकर धर्म की आड़ में चंदा बटोरने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि केरल की बाढ़, कोरोना महामारी आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय ऐसे संगठनों की अनुपस्थिति स्पष्ट थी। 2018 में मुस्लिम एड यूएसए ने वित्तीय मदद मांगने के लिए 13-14 अगस्त के बीच फेसबुक पर विज्ञापन अभियान चलाया था, लेकिन वास्तविक काम के बारे में कोई विवरण नहीं दिया था। उसी वर्ष, केरल बाढ़ के दौरान दान का अनुरोध किया गया था। हालांकि, संगठन ने कुल फंड संग्रह और उपयोग का कोई विवरण नहीं दिया। फिर से 2019 में, मुस्लिम एड यूएसए ने एक और फंड जुटाने का अभियान चलाया। इस बार फिर से वे एकत्र किए गए धन के वास्तविक उपयोग का कोई विवरण प्रदान करने में विफल रहे। उन्होंने मुस्लिम और सामाजिक संगठनों को आगाह किया वे निहित स्वार्थ वाले संगठनों द्वारा गुप्त उद्देश्यों के लिए की जा रही उगाही से सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि अल्लाह और ईश्वर ने मनुष्य को सोचने और पूछताछ करने की क्षमता से नवाजा है। हर बार दान करने पर इसका उपयोग किया जाना चाहिए। इसके बाद देश की तरक्की और खुशहाली के लिए नमाज अदा की गई।
Published on:
13 Nov 2021 11:49 am
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