
बुलंदशहर। आपने कभी कुत्ते की कब्र के बारे में सुना है नहीं ना। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुत्ते की कब्र का यह रहस्य और यहां की मान्यताओं के बारे में। होली, दीपावली को यहां मेला भी लगता है। सावन और नवरात्रों में यहां भण्डारे का भी आयोजन होता है। मंदिर में दूर दराज से लोग यहां श्रद्धा-भाव के साथ आते है। यहां पर मन्नत मांगने वालों की मन्नतें भी पूरी होती हैं।
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बुलंदशहर से 15 किमी दूर औद्योगिक क्षेत्र सिकन्द्राबाद में करीब 100 साल पुराना यह मंदिर है। इस मंदिर को कुत्ते की कब्र के नाम से जाना जाता है। बड़े-बुर्जग बताते हैं कि करीब 100 साल पहले यहां लटूरिया बाबा रहते थे और उन्हीं के साथ एक कुत्ता भी रहता था। लटूरिया बाबा सिद्ध पुरूष थे, लेकिन बाबा को दिखाई नहीं देता था। बाबा को अगर कोई सामान मंगाना होता था तो वह कुत्ते के गले में थैला डाल देते थे और कुत्ता बाजार से सामान लेकर आ जाता था।
लटूरिया बाबा ने करीब 100 साल पहले इस स्थान पर समाधि ली थी। बता दें कि कुत्ता भी उसी समाधि में कूद गया। लोगों ने कुत्ते को बाहर निकाल लिया, लेकिन कुत्ता फिर कूद गया। लोगों ने बाबा की समाधि से कुत्ते को कई बार निकला, तो कुत्ते ने खाना पीना छोड़ दिया। लटूरिया बाबा ने प्राण त्यागने से पहले कहा कि सबसे पहले कुत्ते की पूजा होगी बाद में मेरी पूजा होगी तब से यहां कुत्ते की पूजा शुरू हो गई।
यह है मान्यता
बताया जाता है कि कुत्ते के पैर में काला धागा बांधने से मांगी गई मुराद पूरी हो जाती है। मंदिर के प्रबंधक बताते हैं कि मंदिर के दर्शन करने के लिए भक्त काफी संख्या में आते हैं। उन्होंने बताया कि मेरठ, मैनपुरी, इटावा, मुरादाबाद, लखनऊ और दिल्ली, एनसीआर से भी लोग यहां आते हैं और मन्नतें मांगते हैं।
होली, दीपावली पर लगता है मेला
मंदिर के बाबा विद्याधर द्विदी बताते हैं कि मंदिर में होली, दीपावली को विशेष पूजा होती है। इस दिन बाबा की समाधि पर मेला भी लगता है। इस मेले में दूर-दराज के लाखों भक्तगण आते है और यहां पर अपने लिए मन्नते मांगते है।
यहां होते हैं चमत्कार
दूर-दराज से आने वाले लोग बताते हैं कि उनकी मांगी गई मुरादें यहां आकर पूरी हो जाती हैं। कई लोग इसे चमत्कारी कुत्ते की कब्र के नाम से भी जानते हैं। लक्ष्मण सैनी बताते हैं कि वह पिछले 26 सालों से यहां आ रहे हैं और बाबा की सेवा भी कर रहे हैं। इससे पहले लक्ष्मण सैनी के पिता भी यहां सेवा करने आते थे। लक्ष्मण सैनी बताते हैं कि बाबा से मांगी गई मुराद यहां पूरी होती है।
Published on:
21 Jan 2018 06:00 pm
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