
बुलंदशहर. प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार रोकने के लिए एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई कर रही है, लेकिन अधिकारियों कर्मचारी भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला बुलंदशहर का है। जहां एक स्कूल में निर्माण कार्य का इस्टीमेट बनाने के एवज में 20 हजार रुपये की रिश्वत ले रहे ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के जूनियर इंजीनियर (जेई) को एंटी करप्शन टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। फिलहाल पुलिस ने आरोपी जेई को जेल भेज दिया है।
दरअसल, बुलंदशहर के थाना डिवाई क्षेत्र से विधायक डाॅ. अनीता लोधी और एमएलसी हेम सिंह पुंडीर ने इंटर काॅलेज नरोरा को कक्ष निर्माण के लिए 15 लाख रुपये विधायक निधि से दिए थे। काॅलेज के प्रधानाचार्य गजराज सिंह ने दो सप्ताह पहले निर्माण कार्य की फाइल ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के जेई क्वारसी (अलीगढ़) निवासी रामखिलाड़ी के पास भेजी थी। इस पर जेई ने निर्माण कार्य का इस्टीमेट बनाने के एवज में प्रधानाचार्य से ढाई प्रतिशत राशि (37,500 रुपये) बतौर रिश्वत मांगी, जिसकी शिकायत प्रधानाचार्य की मेरठ एंटी करप्शन विभाग का दे दी। इसके बाद एंटी करप्शन टीम ने 20 हजार रुपये देने के लिए जेई को रविवार दोपहर भीमपुर दोराहे पर बुलाया। जैसे ही जेई 20 हजार रुपये की रिश्वत ली तो एंटी करप्शन टीम ने जेई को दबोच लिया। इसके बाद टीम जेई को डिवाई थाना ले गई और घंटों पूछताछ की।
इस मामले में एसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि रविवार की देर शाम एंटी करप्शन टीम ने एक जेई को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा है। इसके बाद आरोपी की डिवाई थाना में आमद कराई गई और मुकदमा दर्ज करते हुए जेल भेज दिया गया है। बताया जा रहा है कि जेई ने रिश्वत फाइल पास करने के नाम पर ली थी। एंटी करप्शन की टीम में इंस्पेक्टर अशोक कुमार, केपी सिंह, विक्रम सिंह, हेड कांस्टेबल संजीव कुमार आदि शामिल थे।
Published on:
02 Dec 2019 11:43 am
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