24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पितृ विसर्जन अमावस्या पर ज्ञात-अज्ञात पितरों का श्राद्ध करने से प्राप्त होगा मोक्ष

श्राद्ध पक्ष की अमावस्या को सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या कहते हैं। मान्यता है कि इस दिन सभी ज्ञात-अज्ञात पितरों का श्राद्ध करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार 6 अक्टूबर, बुधवार को यह अमावस्या है।

2 min read
Google source verification
pitr_paksha.jpg

बुलंदशहर. इस बार छह अक्टूबर बुधवार को पितृविसर्जन अमावस्या पड़ रही है। मान्यता है कि इस दिन अपने सभी ज्ञात-अज्ञात पितरों का श्राद्ध करने की परंपरा हैं। पंडित अनिल शास्त्री के अनुसार इस दिन निम्न कार्य करने से पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है। पीपल में पितरों का वास माना गया है।

यह भी पढ़ें : Lakhimpur Kheri Violence: लखीमपुर घटना के बाद भाजपा का क्रूर चेहरा आया सामने - चौधरी नरेश टिकैत

पीपल के पेड़ पर चढ़ाएं जल

सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाएं और गाय के शुद्ध घी का दीपक लगाएं। सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर किसी ब्राह्मण को भोजन के लिए घर बुलाएं या भोजन सामग्री जिसमें आटा, फल, गुड़ आदि का दान करें। इस अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में काले तिल डालकर तर्पण करें ।इससे भी पितृगण प्रसन्न होते हैं। सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या पर अपने पितरों को याद कर गाय को हरा चारा खिला दें। इससे भी पितृ प्रसन्न व तृप्त हो जाते हैं।

नदी में प्रवाहित करें पिंड

इस अमावस्या पर चावल के आटे से 5 पिडं बनाएं व इसे लाल कपड़े में लपेटकर नदी में प्रवाहित कर दें। इसके अलावा अमावस्या पर गाय के गोबर से बने कंड़े को जलाकर उस पर घी-गुड़ की धूप दें और पितृ देवताभ्यो अर्पणमस्तु बोलने से पितृगण प्रसन्न होते हैं। इस अमावस्या पर कच्चा दूध, जौ, तिल व चावल मिलाकर नदी में प्रवाहित करें। ये उपाय सूर्योदय के समय करें तो अच्छा रहेगा।

पीपल के जड़ में चढ़ाएं सामान

पितृ पक्ष का आखिरी दिन पितृ अमावस्या होती है। इस दिन कुल के सभी पितरों का श्राद्ध किया जा सकता है। फिर चाहे उनकी मृत्यु तिथि पता न हो। तब भी आप पितृ अमावस्या पर उनका तर्पण कर सकते हैं। पितृ पक्ष की अमावस्या को सूर्यास्त से पहले ये उपाय करना है। इस उपाय में एक स्टील के लोटे में, दूध, पानी, काले व सफेद तिल और जौ मिला लें। इसके साथ कोई भी सफेद मिठाई, एक नारियल, कुछ सिक्के और एक जनेऊ पीपल के पेड़ के नीचे जाकर सबसे पहले ये सारा सामान पेड़ की जड़ में चढ़ा दें।

सर्व पितृ देवभ्यो नम: का करते रहें जप

इस दौरान सर्व पितृ देवभ्यो नम: का जप करते रहें। ये मंत्र बोलते हुए पीपल को जनेऊ भी चढ़ाएं। इस पूरी विधि के बाद मन में सात बार ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जप करें और भगवान विष्णु से कहें मेरे जो भी अतृप्त पितृ हों वो तृप्त हो जाए। इस उपाय को करने से पितृ तृप्त होते हैं पितृ दोष का प्रभाव खत्म होता है और उनका अशीर्वाद मिलने लगता है। हर तरह की आर्थिक और मानसिक समस्याएं दूर होती हैं।

यह भी पढ़ें : Navratri 2021: वैश्याओं के कोठे हुए बंद तो कोलकाता के सोनागाछी से आने लगी 'निषिद्धो पाली', खासियत जान हो जाएंगे हैंरान