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Lockdown 4.0 में प्रशासन की पहल पर मास्क बनाने में जुटे लोग, रोजगार के बढ़ रहे ये अवसर

. प्रशासन की माने तो मास्क बनाने में तीन हजार से ज्यादा महिलाएं जुटी हैं. लोगों तक पहुंचाने वालों को भी मिल रहा फायदा

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बुलंदशहर। कोरोना को मात देने के लिए देशभर में लॉकडाउन है। हालांकि, लॉकडाउन की वजह से आम आदमी के सामने रोजी—रोटी का संकट भी खड़ा हुआ है। जिला प्रशासन ने एक अच्छी शुरुआत की है। जनपद में स्वयं सहायता समूह की तरफ से मास्क बनाने का प्रशिक्षण बड़े स्तर पर किया जा रहा है। जिसमें एक प्रसिद्ध फैशन डिजाइनर का भी सहयोग लिया जा रहा है। माना जा रहा है कि जिले में समूहों से जुड़े ढाई से तीन हजार लोगों को घर बैठे रोजगार मिल रहा है।

वैश्विक महामारी के चलते लाखों लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। बीमारी को देखते हुए लोग मास्क बनाने के कार्य भी कर रहे है। फिलहाल, हर इंसान को मास्क की जरूरत है। जिला प्रशासन लोगों को रोजगार दिलाने के लिए गंभीर है। जनपद में स्वयं सहायता समूह को मास्क बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। उसके बाद लोग मास्क भी बना रहे हैं। जिसके लिए NIFT दिल्ली से फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई करने के बाद अब दिल्ली में अपना काम कर रहे मनीष त्रिपाठी को बुलन्दशहर में स्वयं सहायता समूहों की प्रशिक्षण में मास्क बनाने की जिम्मेदारी दी गई है।

दिल्ली के प्रसिद्ध डिजायनर मनीष त्रिपाठी ने बताया कि ओखला स्थित एनएसआइसी में उन्होंने मास्क बनाने के लिए संपर्क किया था। उन्हें बड़े पैमाने पर मास्क बनाने के लिए टीम की आवश्यकता थी। जिस पर नेशनल स्मॉल स्केल इंडस्टरीज कॉरपोरेशन(NSIC) दिल्ली ने उन्हें जनपद में भेजा है। वर्कर्स को प्रशिक्षण के बाद उच्च कोटि के इंटरनेशनल मानक के मुताबिक मास्क बनाने का काम शुरू किया गया है। यहां तक की तैयार मास्क की बिक्री ऑनलाइन की जाएगी। वहीं, मेडिकल स्टोर के माध्यम से भी मास्क को मार्केट में बेचा जाएगा। जिला विकास अधिकारी साहित्य प्रकाश मिश्रा ने बताया कि देशभर में कोरोना वायरस से बचाव के लिए लंबे समय तक भी मास्क की आवश्यकता सभी को होने वाली है। ऐसे में यहां काफी संभावनाएं है। साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा। वर्तमान में ढाई से 3 हजार महिलाएं समूह से जुड़ी हुई हैं।

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