
AIIMS Hospitals File Photo
बुलंदशहर। जिस मासूम को जन्म देकर तीन साल तक पाला पोषणा उन्हीं कलयुगी मां-बाप ने उसे गड्ढे में फेंक दिया, लेकिन यहां भी मासूम जिंदगी की जंग जीत गई। उसे एम्स के अस्पताल में डॉक्टरों ने नई जिंदगी तो दे दी, लेकिन अब बच्ची का साथ छोडऩे पर डॉक्टर से लेकर अस्पताल का स्टाफ परेशान है। इसकी वजह डॉक्टर से लेकर अस्पताल के स्टाफ का बच्ची का जुड़ाव हो जाना है।
डॉक्टर से लेकर नर्स हुई भावुक
जानकारी के अनुसार, बुलंदशहर में एक 15 से 20 फीट गहरे गड्ढे में एक बच्ची पड़ी मिली। जिसे पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया। बच्ची के सिर में फेक्चर होने के साथ ही गंभीर चोट होने की वजह से डॉक्टरों ने उसे एम्स में रेफर कर दिया। वही पुलिस को जांच में पता चला कि उसके मां- बाप ने ही बच्ची को गड्ढे में फेंक दिया। बच्ची की हालत गंभीर देख उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां से उसे एम्स ट्रांमा सेंटर में रेफर कर दिया गया। एम्स के न्यूरोसर्जन डॉक्टर दीपक गुप्ता ने बताया कि 25 सितंबर को उसे एम्स ट्रॉमा सेंटर लाया गया था। बच्ची अब एक दम स्वस्थ है। उसके मां-बाप कुछ पता नहीं चल सका है। वहीं अब उसे किसी एनजीओ को सौंपा जाना है, लेकिन कुछ ही दिनों में बच्ची से इतना लगाव हो गया है कि यहां हर कोई उसे भेजना नहीं चाहता। इतना ही नहीं बच्ची के एनजीओ के पास जाने को लेकर डॉक्टर से लेकर नर्स तक भावुक है।
मां- बाप के आने की राह ताक रही मासूम
वही डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची बहुत ही मिलनसार और चंचल है। सभी को उससे लगाव हो गया। वह अब भी अपने मां-बाप के आने की राह देख रही है। बच्ची इलाज किया गया है। वह अब ठीक हो गई है। उसके दाहिने तरफ सिर में काफी चोट थी। जो अब ठीक है। डॉक्टर ने बताया कि यह बहुत ही इमोशनल पल है। जब इतनी प्यारी बच्ची को किसी एनजीओ को सौंपना पड़ रहा है। वह यहां हर किसी की चहेती बन गई है। वॉर्ड में खेलती रहती है। कभी कंप्यूटर तो कभी किसी के मोबाइल को ले लेती है। सब उससे बहुत जुड़ गये है।
Published on:
16 Oct 2019 06:22 pm
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