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बुलंदशहर

Video: Supreme Court ने Yogi सरकार को 6 हफ्ते में मंदिरों के इस मामले में कानून बनाने को कहा

Highlights

Bulandshahr के गांव बेलोन में स्थित सर्व मंगला देवी मंदिर का मामला
याचिकाकर्ता की पत्‍नी ने वर्ष 2000 में Uma Bharti से की थी शिकायत
Mulayam Singh Yadav की सरकार में भी हुई थी यह जांच

बुलंदशहरOct 23, 2019 / 10:20 am

sharad asthana

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बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बुलंदशहर (Bulandshahr) के गांव बेलोन में स्थित सर्व मंगला देवी मंदिर पर आने वाले चढ़ावे को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने प्रदेश सरकार को कानून बनाने का आदेश दिया है। कानून बनाने के लिए सरकार को 6 सप्ताह का समय दिया गया है।
यह कहा Supreme Court ने

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार द्वारा मंदिर के चढ़ावे के लिए बनाए गए शासनादेश व समिति को सही नहीं माना है। शीर्ष कोर्ट ने मंदिर में चढ़ावा लेने के लिए प्रदेश में कानून बनाने के लिए निर्देश दिए हैं। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर प्रदेश के मुख्य सचिव न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत हुए थे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इसी याचिका की सुनवाई करते हुए प्रदेश में मंदिरों के चढ़ावे को लेकर कोई कानून नहीं होने पर सख्त टिप्पणी की थी।
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यह है मामला

इस मामले में याचिकाकर्ता विजय सिंह ने बताया कि वह गांव बेलोन का 2010 से 2015 तक ग्राम प्रधान रहे हैं। उनकी पत्‍नी 2000 में ग्राम प्रधान थी। उस समय उनकी पत्‍नी ने तत्‍कालीन खेल मंत्री उमा भारती से शिकायत की थी मंदिर उनके पूर्वजों ने बनवाया है। मंदिर का चढ़ावा यहां के पंडा लेकर चले जाते हैं। इसकी जांच कराई गई थी। उसके बाद सरकार बदल गई। मुलायम सिंह की सरकार में भी यह जांच हुई थी। इसमें यह पता चला था कि मंदिर में एक करोड़ रुपये चढ़ावा आता है। 2005 में एसडीएम डिबाई ने रिपोर्ट भेजी थी। इसमें दिया गया था कि मंदिर के पंडा एक चढ़ावे की रकम अपने साथ ले जाते हैं।
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मामले को हाईकोर्ट में ले गए थे पंडा

उन्‍होंने कहा कि इसके बाद शासनदेश जारी हुआ और डीएम को अध्‍यक्ष व सीडीओ को सच‍िव बनाया गया। साथ ही प्रशासनिक कमेटी गठित कर दी गई। पंडा इस मामले को हाईकोर्ट ले गए। हाईकोर्ट ने इस शासनादेश को रद्द कर दिया। इसके बाद वह इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले गए थे। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्‍य सरकार को छह हफ्ते में कानून बनाने को कहा है।
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