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ग्रीन कॉरिडोर बनेगा बूंदी-बिजौलिया स्टेट हाइवे

जिले में नया बना बूंदी-बिजोलिया स्टेट हाइवे 29 अब ग्रीन कॉरिडोर के रूप में दिखाई देगा। राज्य मार्ग एजेंसी ने इस मार्ग के दोनों तरफ छायादार पौधे लगाने का काम फिर शुरू कर दिया है। इससे पहले सडक़ निर्माण के दौरान लगाए गए 5300 पौधों में से आधे से अधिक पेड़ बनने लगे है

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ग्रीन कॉरिडोर बनेगा बूंदी-बिजौलिया स्टेट हाइवे

पौधों की देखरेख करते हुए।

गुढ़ानाथावतान. जिले में नया बना बूंदी-बिजोलिया स्टेट हाइवे 29 अब ग्रीन कॉरिडोर के रूप में दिखाई देगा। राज्य मार्ग एजेंसी ने इस मार्ग के दोनों तरफ छायादार पौधे लगाने का काम फिर शुरू कर दिया है। इससे पहले सडक़ निर्माण के दौरान लगाए गए 5300 पौधों में से आधे से अधिक पेड़ बनने लगे है, जो पौधे नष्ट हो गए थे उनकी जगह दूसरे पौधे लगाए जा रहे है। खास बात यह है कि जो पौधे लगाए जा रहे हैं वे 8 से 12 फीट लंबाई के है। लंबे पौधों के जीवित रहने की संभावना अधिक रहती है। सहायक अभियंता सुरेंद्र गुर्जर ने बताया कि विभाग पौधे लगाने के साथ ही ईंटो के ट्री-गॉर्ड भी बनाएगा,ताकि मवेशियों से इनकी सुरक्षा हो सके। सडक़ के दोनों ओर लगाए जा रहे पौधों के गड्ढे खोदने के लिए मशीन का उपयोग किया जा रहा है ताकि उचित आकर के गड्ढे में पौधे आसानी से चल सके।

हरियाली से होगा स्वागत
यहां पर अर्जुन, जामुन, कदंब, कचनार, शीशम आदि के पौधे लगाए जाएंगे। पूर्व में भी सडक़ के दोनों तरफ छायादार पौधे लगाए गए थे। पर्यटकों के लिए महत्वपूर्ण यह सडक़ मार्ग ग्रीन कोरिडोर बनने से बूंदी आने वाले देशी विदेशी सैलानियों का हरियाली से स्वागत होगा। उम्मीद है जल्दी ही जिले के अन्य मार्गों पर भी इस तरह की पहल होगी। जिससे पर्यावरण संरक्षण में बूंदी का सम्मान बढेगा।

पेड़ काटने का हुआ था विरोध
बूंदी से बिजोलिया तक 5 साल पहले बने इस 49 किलोमीटर के गिट्टी सीमेंट सडक़ मार्ग के निर्माण के दौरान ठेकेदार द्वारा बिना स्वीकृति के ही सडक़ किनारे के दर्जनों पुराने पेड़ों को जमीदोज कर दिया तथा नए पौधे लगाने का भी कोई प्रावधान नहीं किया गया था। हरे भरे पेड़ों को कटता देख गुढ़ानाथावतान के पर्यावरण संरक्षण से जुड़े शिक्षक पृथ्वी ङ्क्षसह राजावत ने इसका विरोध किया तथा प्रशासन से पेड़ों की कटाई रुकवाने व काटे गए पेड़ों के हर्जाने के रूप में दस गुने छायादार पौधे लगाकर उन्हें पेड़ बनने तक देखभाल की मांग की। इस मामले को पत्रिका ने भी प्रमुखता से उठाया था और उसका परिणाम है कि आज यह रोड़ ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकसित हो रहा हैं।

बूंदी-खटकड़ रोड पर नहीं लगे पौधे
राजस्थान स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के द्वारा इसी स्टेट हाइवे पर दूसरे चरण में बूंदी से खटकड़ तक सीसी सडक़ का निर्माण किया गया, लेकिन उस पर सडक़ किनारे पौधारोपण नहीं किया गया। इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्ग 52 के निर्माण में भी बीच की पट्टी पर कनेर आदि के छोटे पौधे लगाए गए और किनारों पर छायादार पौधे नहीं लगाए। यदि सडक़ों के दोनों तरफ छायादार पेड़ पौधे लगाकर ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाए तो सडक़ पर तापमान में कमी के साथ पर्यावरण प्रदूषण में भी कमी आ सकती है साथ ही दुर्घटनाओं में भी कमी आ सकती है।