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बिल तो उठ गया पर पोषाहार नही मिला…पोषाहर के बिलों में फर्जीवाड़ा…

जिला क्षेत्र में पोषाहार बांटने के काम में चल रहे भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है।

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bundi corruption in the distribution ofNutrition

बूंदी. जिला क्षेत्र में पोषाहार बांटने के काम में चल रहे भ्रष्टाचार का मामला उजागर हुआ है। इस मामले को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक ने सम्बन्धित के खिलाफ जार्च शीट पेश की है लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि जार्च शीट दायर होने के बाद भी अब तक कोई उच्चाधिकारी कार्रवाई नही हो पाई है। पोषाहर के बिलों में फर्जीवाड़ा के इस मामले के बाद परियोजना में भष्ट्राचार की बूं आ रही है।

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विभाग के ही कर्मचारियों का कहना है कि अगर इस पूरे मामला का खुलासा हो तो बड़े पैमाने पर भ्रष्ट्राचार का मामला सामने आएगा। बीते माह विभाग की उपनिदेशक की रुटीन जांच के दौरान हिडोली बाल परियोजना के अलोद, डाबला,धोवड़ा में सामने आया कि केन्द्र पर सहायिका,आशा सहयोगिनी अनुपस्थित पाई गई। केन्द्र पर एक भी बच्चा मौजूद नही था। पोषाहार बेबीमिक्स का मांग पत्र ५ जलुाई २०१७ से आज तक एसएचजी समूह को भिजवाया नही गया। बिना मांग पत्र के समूह पोषाहार लिया जा रहा है।

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गरम पोषाहार एवं नाश्ता २ जुलाई २०१७ से केन्द्र पर नही दिया जा रहा। वितरण दिवस के दिन भी आगंनबाडी केन्द्र पर बेबीमिक्स पोषाहार का एक भी पेकेट नही पाया गया। अधिकारियों ने बताया कि आगंनबाडी कार्यकर्ता द्वारा फर्जी बिल बनाकर दिया जा रहा है साथ ही महिला पर्यवेक्षक द्वारा उस बिल को प्रमाणित कर भुगतान दिलाया जा रहा है। जो राजकीय राशि का दुरुपयोग है। यही हाल अलोद, डाबला, धोवडा में मिला। अलोद में आगंनबाडी केन्द्र पर मांग पत्र एवं चालान डायरी ही नही पायी गई।

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वहीं डाबला में सामने आया कि केन्द्र लंबे समय से बंद चल रहा है, सरकारी भवन होने के बावजुद भी किराये से भवन दर्शा रखा है। ग्रामीणों ने बताया कि मानदेयकर्मी द्वारा महिला पर्यवेक्षक अन्यस्थान पर रिकॉर्ड मंगवाकर प्रमाणित कर दिया जाता है एवं बिलो का भुगतान करा दिया जाता है। वहीं धोवाड़ा में भी महिला पर्यवेक्षक द्वारा इसी तरह की लापरवाही सामने आई।इस केन्द्र में एक साल से कोई निरीक्षण ही नही किया गया। पूरे मामले को गम्भर लेते हुए महिला एवं बाल विकास उपनिदेश मिथलेश जैन ने महिला पर्यवेक्षक ज्योति गोडसे को तुरत प्रभाव से हटाकर अग्रिम आदेशों तक बाल विकास परियोजना अधिकारी हिंडोली में उपस्थित करने के लिए पाबंद किया गया। इस मामले के उजागर होने के बाद पूरे फर्जीवाड़े की कलई खोल दी है।