28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सैकड़ों बीघा खेत जलमग्न: किसानों ने सर्वे करवाकर मुआवजा दिलाने की उठाई मांग

क्षेत्र में रविवार व सोमवार को हुई ग्यारह घंटे बारिश ने क्षेत्र के किसानों को चिंता में डाल दिया।

2 min read
Google source verification

बूंदी

image

pankaj joshi

Jul 22, 2021

सैकड़ों बीघा खेत जलमग्न: किसानों ने सर्वे करवाकर मुआवजा दिलाने की उठाई मांग

सैकड़ों बीघा खेत जलमग्न: किसानों ने सर्वे करवाकर मुआवजा दिलाने की उठाई मांग

सैकड़ों बीघा खेत जलमग्न: किसानों ने सर्वे करवाकर मुआवजा दिलाने की उठाई मांग
नोताड़ा. क्षेत्र में रविवार व सोमवार को हुई ग्यारह घंटे बारिश ने क्षेत्र के किसानों को चिंता में डाल दिया। रविवार तक लोग बारिश का इंतजार कर रहे थे। 85 प्रतिशत खेतों में बुवाई हो चुकी थी और 15 प्रतिशत बारिश के इंतजार में थे, लेकिन रविवार को हुई बारिश से खेत लबालब हो गए। उसके बाद किसान खेतों में पानी निकालने दौड़े तो दूसरे दिन सोमवार को तेज बारिश से खेतों में फिर पानी भर गया। भाजपा लाखेरी ग्रामीण मंडल अध्यक्ष रामसिंह चौधरी, श्याम सुन्दर शर्मा, सरपंच रामदेव पहाडिय़ा, धरावन के काशिराम मालव आदि ने बताया कि कई खेतों का पानी निकासी का रास्ता नहीं होने से खेतों में उगी फसलें खराब होने की चिंता बढ़ गई।
एक दर्जन गांवों में फसलें हुई नष्ट
कापरेन. क्षेत्र में पिछले दिनों हुई बरसात से कई गांवों में किसानों की फसल डूबने से नष्ट हो गई हैं। क्षेत्र के किसानों ने कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया को ज्ञापन भेजकर सर्वे करवाने, बीमा कम्पनी से मुआवजा दिलाने के साथ ही सरकार से भी आर्थिक सहायता राशि की मांग की है। ज्ञापन में बताया कि के.पाटन क्षेत्र में पिछले चार दिनों से लगातार बरसात हुई है। जिससे एक दर्जन से अधिक गांवों में एक माह की फसलें बरसाती पानी में डूबने से नष्ट हो गई है। ज्ञापन भेजने वालों मेंं सत्यनारायण मीणा, रमेश गुर्जर, राजेंद्र सिंह सोलंकी, हंसराज सिंह, प्रदीप मीणा, भंवर लाल मीणा, रतन लाल मीणा, जवान सिंह, धर्मराज मीणा, गंगाधर मीणा, मुकुट बैरागी आदि शामिल थे।
इधर, बढ़ रही चिंता
आकोदा. इस बार क्षेत्र में अब तक बारिश नहीं होने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। किसानों ने अपने खेतों में बुवाई का काम नहीं किया है। अभी चारों तरफ खेत सूखे पड़े हैं।
नदी नाले सूखे पड़े हुए हैं। किसानों ने बताया कि ठीकरदा का तालाब, दण्ड की तलाई, भुख्या का खाळ में पानी की आवक नहीं होने से बोरवेल, कुओं की जलस्तर नीचे चल गया है। इसके चलते किसान मक्का, धान, मूंगफली, उड़द आदि फसलों की बुवाई नहीं कर सके हैं।
पानी आया तो धान की रोपाई शुरू
नमाना. पिछले 3 दिनों पहले बरड़ क्षेत्र के गुवार, गरड़दा, पलका सहित जंगलों में बरसात होने से चांदा का तालाब बांध में पानी की आवक हुई है। बांध में पानी आने से क्षेत्र के किसानों ने खेतों पर धान की रोपाई शुरू कर दी है। इस बार बरसात देर से होने के चलते क्षेत्र के किसानों ने धान की रोपाई का कार्य रोक रखा था, लेकिन बांध में पानी की आवक होने के साथ ही किसानों ने वापस अपने खेतों पर धान लगाना शुरू कर दिया है।