
बडाखेडा. नहर में खड किसान, पर पानी नहीं।
बड़ाखेड़ा. टेल क्षेत्र बड़ाखेड़ा, पापडी, जाडला, बहडावली, बगली, माखीदा आदि गांवों में नहर का पानी नहीं पहुंचने से किसानों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। सिंचाई सत्र के निर्णायक समय में भी नहरों का अंतिम छोर सूखा पड़ा है, जिससे सैकड़ों बीघा कृषि भूमि पर खड़ी फसलें प्रभावित होने लगी हैं। खेतों में नमी खत्म हो चुकी है और कई स्थानों पर दरारें साफ दिखाई देने लगी हैं।
किसानों का कहना है कि यदि जल्द पानी नहीं मिला तो फसल बचा पाना असंभव हो जाएगा। स्थानीय किसान शंकरलाल रायका, धर्मराज सैनी, मुकेश सेवदा के अनुसार नहर प्रणाली की असमान जल वितरण व्यवस्था इस संकट की बड़ी वजह है। लापरवाही के चलते टेल क्षेत्र तक पानी पहुंच ही नहीं पाता। हर वर्ष यही स्थिति बनती है, लेकिन स्थायी समाधान के नाम पर सिर्फ आश्वासन ही दिए जाते हैं।
किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग की निगरानी कमजोर होने के कारण प्रभावशाली किसानों को पहले पानी मिल जाता है, जबकि अंतिम छोर के किसान हमेशा नुकसान उठाते हैं। कई गांवों के किसानों ने सामूहिक रूप से संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा है, लेकिन अब तक नहर में पर्याप्त पानी नहीं छोड़ा गया है।
टेल क्षेत्र के किसानों ने बताया कि गेहूं, सरसों और चना जैसी फसलें सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही हैं। पशुओं के लिए चारे का भी संकट खड़ा हो गया है। आर्थिक तंगी के साथ-साथ किसानों पर कर्ज का दबाव बढऩे लगा है, जिससे गांवों में चिंता और रोष का माहौल है।
किसानों ने प्रशासन से मांग की है कि नहरों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए, टेल क्षेत्र के लिए अलग से पानी छोड़ा जाए यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो किसान आंदोलन और चक्काजाम जैसे कदम उठाने को मजबूर होंगे।
Published on:
15 Dec 2025 05:40 pm
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