गुढ़ानाथावतान. जिले के रामगढ़ विषधरी टाइगर रिजर्व में रणथंभौर टाइगर रिजर्व से बाघिन व घना पक्षी विहार से चीतल लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। टाइगर रिजर्व में रणथंभौर की बाघिन एरोहेड की जंगल में स्वतंत्र विचरण कर रही मादा बाघिन को रामगढ़ के जंगलों में छोडऩे के लिए चिन्हित किया गया है और जल्दी ही उसे ट्रेंकुलाइज कर रामगढ़ के कोर-1 इलाके में छोडऩे की योजना है। बाघिन को पहले शॉफ्ट एनक्लोजर में रिलीज कर बाद में जंगल में छोड़ा जाएगा। इसी प्रकार से चीतल लाने के लिए भी भरतपुर के घना पक्षी विहार में बोमा तकनीक से हरिणों को स्वतंत्र रूप से पकडऩे की प्रक्रिया शुरू हो गई है और जल्दी ही रामगढ़ में चीतल आने की उम्मीद है।
एनक्लोजर में करेंगे शिफ्ट
रणथंभौर टाइगर रिजर्व से बाघिन को रामगढ़ में शिफ्ट करने के लिए वन विभाग ने टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर सुगनाराम जाट की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। जिसमें दो पशु चिकित्सकों को भी शामिल किया गया है। कमेटी में रामगढ़ के उपवन संरक्षक अरङ्क्षबद कुमार झा को सचिव बनाया है।
रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में बाघिन शिपटिंग की स्वीकृति मिल गई है और जल्दी ही बाघिन को यहां शिफ्ट किया जाएगा। घना से चीतल लाने की भी शुरुआत हो गई है।
सुगनाराम जाट, फील्ड डायरेक्टर, रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व, बूंदी
Published on:
14 Jun 2025 12:30 pm