
Cluster peyajal pariyojana
बूंदी. बूंदी मुख्यालय से करीब पचास किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित बरड क्षेत्र का सूखापन अब खत्म होने जा रहा है। बरसों से पेयजल के लिए तरस रहा समूचा बरड जल्द ही खुशहाल हो जाएगा। सरकार ने जिले की सबसे बड़ी 80.80 करोड़ की बूंदी कलस्टर पेयजल परियोजना (विस्तार चंबल भीलवाड़ा पेयजल परियोजना) की प्रशासनिक, वित्तीय व तकनीकी स्वीकृति जारी कर दी। इसके साथ ही निविदा का अनुमोदन कर कार्यादेश भी जारी कर दिया। योजना का काम शुरू होने से क्षेत्र की ९७ हजार ४१९ आबादी को पेयजल का लाभ मिलेगा। बरड़ को भीलवाड़ा चंबल पेयजल योजना से पानी दिया जा रहा है।
इन पंचायतों के गांव शामिल
योजना से बरड़ क्षेत्र की नौ ग्राम पंचायतों के ५९ गांवों को पानी मिलेगा। बुधपुरा, डाबी, धनेश्वर, डोरा, गणेशपुरा, गोपालपुरा बरड, खड़ीपुर, लांबाखोह, राजपुरा ग्राम पंचायतों के गांवों को पेयजल मिलेगा। इन गांवों में लगभग २०७ किलोमीटर पेयजल पाइप लाइन डाली जाएगी।
लाम्बाखोह में बनेगा जल शोधन संयत्र
सूत्रों के अनुसार लाम्बाखोह में जल शोधन संयत्र बनाया जाएगा। डाबी में मध्य मार्ग पंपिंग स्टेशन बनाया जाएगा। जहां से राइजिंग मेन लाइन तीन दिशाओं में वितरित होगी। लांबाखोह व डाबी में पंपिंग स्टेशन बनेगा। बरड़ क्षेत्र के अलग-अलग गांवों में १५ उच्च जलाशय बनाए जाएंगे। विभिन्न गांवों में ८५ भूतल जलाशय बनाए जाएंगे। जिनमें उच्च जलाशयों से पानी सप्लाई की जाएगी। इनके बाहर सार्वजनिक नल लगेंगे, जिनसे आमजन को पानी मिलेगा। वहीं पशुओं के पेयजल के लिए खेळें भी बनाई जाएगी।
सत्तर साल का सबसे बड़ा काम
विधायक अशोक डोगरा का कहना है कि बरड़ क्षेत्र में ८०.८० करोड़ की पेयजल योजना का काम शुरू हुआ है। जो बीते ७० सालों का सबसे बड़ा काम है। बरड़ में इतना बड़ा कार्य आज तक किसी विधायक ने नहीं करवाया। हमेशा के लिए बरड़ के लोगों की पेयजल समस्या का समाधान हो गया है। लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। मैं सरकार से इस योजना की मंजूरी के लिए पूरा प्रयास किया गया था।
जारी हो गए कार्यादेश
अधिशासी अभियंता परियोजना खण्ड डी.एन.व्यास, ने बताया कि कलस्टर परियोजना के कार्यादेश जारी हो गए हैं। बरड़ क्षेत्र के लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। सर्वे व साइट देखी जा रही है।
Updated on:
28 Nov 2017 02:25 pm
Published on:
28 Nov 2017 01:17 pm
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