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राजस्थान में ठेकेदार 21 तो मंत्री 19 रह गए

गौरव पथ शासन एवं प्रशासन के लिए जी का जंजाल बना गया

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बूंदी. उपखंड मुख्यालय में बन रहा गौरव पथ शासन व प्रशासन के लिए जी का जंजाल बन गया।जिले के प्रभारी श्रीचंद कृपलानी व खाद्य एवं नागरिका आपूर्ति मंत्री बाबूलाल वर्मा के आदेश के बाद भी गौरव पथ बनाने वाले ठेकेदार व सार्वजनिक निर्माण विभाग के अभियंता गंभीरता नहीं दिखा रहे।

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मार्च २०१७ से शुरू हुए गौरव पथ का कार्य अभी अधूरा पड़ा हुआ है। नहर के नाले से पुलिस थाने के पास तक बनने वाले यह गौरव पथ कब पूर्ण होगा कोई नहीं बता पा रहा है। जब ठेकेदार की मर्जी होती है तब वह कार्य शुरू कर देता है और जब वह चाहता है तब कार्य बंद कर चला जाता है। इस पथ के निर्माण की देरी दोनों किनारे के व्यापारियों व मकान मालिकों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है। अपने घरों व दुकानों तक पहुंचने के लिए गहरी खाई कूदकर जाना पड़ता है।

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पांच करोड़ होंगे खर्च
अधिशासी अभियंता आर.एन. बैरवा ने बताया कि नहर के नाले से पुलिस थाने तक बनने वाले गौरव पथ पर पांच करोड़ रुपए खर्च होंगे। इस राशि में नहर के नाले से डा. कर्णलाल मीणा के मकान तक सीसी व उससे आगे डामर से सड़क बनाना प्रस्तावित है। नहर के नाले से एक तरफ तो ठेकेदार ने सड़क बना दी, लेकिन फुटपाथ व नाले का कार्य शुरू नहीं किया गया।जिससे यहां व्यापार प्रभावित हो रहा है। दूसरी तरफ का कार्य शुरू कर दो दिन बाद ही बंद कर दिया। लोगों को अब कार्य शुरू होने का इंतजार है। गौरव पथ में सीसी सड़क व दोनों तरफ नालों का निर्माण होना बाकी है। बजरी के अभाव में कार्य बंद कर रखा है। बजरी पर रोक हटने के बाद कार्य संभव है।