थाने पर किए प्रदर्शन के दौरान किसानों ने बताया कि क्षेत्र में गेहूं की फसल 70 से 80 दिन की हो गई है, जबकि 50 से 55 दिन में गेहूं सिंचाई करनी होती है, लेकिन नहर में पानी नहीं होने से फसल सूखने के कगार पर है।
क्षेत्र में कापरेन ब्रांच में झपायता, देईखेड़ा, नोताडा, डपटा, रामगंज, डडवाडा, ढ़गरिया, प्रतापगढ़, छप्पनपुरा चक मालिक पूरा पापडली व केशवरायपाटन ब्रांच के लबान पापड़ी माखिदा बहदावली जाडला बड़ाखेड़ा पीपल्दा समेत करीब दो दर्जन से अधिक गांवों में किसानों को नहरी पानी का इंतजार है।
कापरेन. सीएडी के बोयाखेड़ा माइनर द्वितीय पर अंतिम छोर पर नहरी पानी नहीं पहुंचने से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। माइनर के अंतिम छोर तक नहरी पानी नहीं पहुंचने से आजन्दा व कोडक्या गांव में करीब एक हजार बीघा क्षेत्र में फसल सूखने के कगार पर पहुंच गई है और नहरी पानी के अभाव में किसान बेबस नजर आ रहे हैं। वहीं बोयाखेड़ा व खेड़ली बंधा गांवों के निकट अभयारण्य क्षेत्र में अवैध कब्जा कर बनाए गए खेतों में सिंचाई करने के लिए माइनर पर अवरोध लगाकर किसान अवैध कब्जे वाले खेतों में फसलों को सिंचाई कर रहे हैं, जिससे अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच रहा है। किसानों ने सीएडी के सहायक अभियंता को ज्ञापन देकर माइनर में लगे अवरोध हटवाने और अवैध रूप से अन कमांड एरिया और अभयारण्य में अवैध रूप से जंगल सफाई कर बनाए गए खेतों में सिंचाई के लिए माइनर पर लगे डीजल इंजन बन्द करवाने की मांग की है।
सीएडी के सहायक अभियंता छोटू लाल मीणा ने बताया कि किसानों से माइनर पर अवैध रूप से अवरोध लगाकर इंजन से नहरी पानी लेने की शिकायत मिली है।सूचना के बाद कनिष्ठ अभियंता को मौके पर भेजा गया है और इंजन हटवाने व जप्ती की कार्रवाई करवाई जा रही है। माइनर में पानी की आवक बढ़ाने का भी प्रयास किया जा रहा है।किसानों की समस्या का शीघ्र निस्तारण करवाया जाता है और पेट्रोलिंग के दौरान ओड़े हटाने, इंजन हटवाने की कार्रवाई की जा रही है।