जानकारी अनुसार हिण्डोली उपखण्ड क्षेत्र में पिछले एक महीने से बारिश चल रही है। जिससे खेतों में खड़ी खरीफ फसलों में व्यापक नुकसान का अंदेशा बना हुआ है। कई गांवों में लगातार हो रही बारिश से खेतों ने तलाईयों का रूप ले लिया है। ऐसे में फसलें जलमग्न हो गई है। जिससे किसान अपनी उपज को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
वहीं अभी मानसून सक्रिय रहने की संभावना है। ऐसे में रही सही कसर भी पूरी हो जाएगी। किसानों ने बताया कि गोठड़ा बांध के निचले इलाके में करीब दो सौ से अधिक बीघा जमीन पर बोई गई मक्का , सोयाबीन, मुंगफली, ज्वार आदि फसलें जलमग्न है। ऐसे ही रंगसागर तालाब के पास रोणिजा बांध के निचले इलाके में, धोवड़ा गांव के आसपास दर्जनों किसानों की फसलें जलमग्न होकर गल चुकी है।
रिकार्ड बुवाई, बारिश धो रही अरमान
इस बार मानसून की सक्रियता को देखते हुए किसानों ने खेतों में खरीफ फसलों के रूप में मक्का, सोयाबीन, ज्वार, उड़द आदि की बुवाई रिकॉर्ड स्तर पर की है। अधिक बारिश से फसलों में व्यापक खराबा होने का अंदेशा बना हुआ है। इस बार मानसून की सक्रियता को देखते हुए किसानों ने खेतों में करीब 15000 हैक्टेयर में मक्का, सोयाबीन 5000 हैक्टेयर, ज्वार 500 हैक्टेयर, उड़द 9600 हैक्टेयर, सोयाबीन 5000 हैक्टेयर में बुवाई हुई है। ऐसे में कई किसानों की फसलें ज्यादा बारिश से खराब हुई है। लेकिन राजस्व विभाग द्वारा अभी तक खराब फसलों का सर्वे शुरू नहीं किया है। जिससे किसानों में नाराजगी व्याप्त हैं।