जानकारी के अनुसार ब्लड बैंक में संग्रहित होने वाले रक्त की पहले एचआईवी जांच की जाती है। इसके बाद ही उसे रोगियों या गर्भवती महिलाओं को चढ़ाया जाता है। एचआईवी जांच के लिए एलाइजा जांच किट की आवश्यकता होती है। जांच किट की सप्लाई नहीं होने से रक्त की जांच के लिए बैंक प्रशासन को अन्य जांच किटों का सहारा लेना पड़ रहा है। इससे जांच कार्य में समय अधिक लगता है।
एक साथ होती है 96 जांच
जानकार सूत्रों के अनुसार एलाइजा जांच किट के माध्यम से रक्त के एक साथ 96 नमूनों की जांच की जा सकती है। जिलेभर में आए दिन होने वाले रक्तदान से मिलने वाले 50 से 100 यूनिट रक्त को एक साथ जांच के लिए एलाइजा किट द्वारा लगाया जा सकता है। लेकिन किट नहीं होने से ब्लड बैंक द्वारा रेपिड टेस्ट के जरिए एक बार में एक ही रक्त नमूने की जांच हो पाती है। इससे समय भी अधिक लगता है और जरूरतमंद को रक्त मिलने में देरी होती है। वर्तमान में एचआईवी जांच के लिए ब्लड बैंक में रेपिड टेस्ट का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसमें जांच करने में समय अधिक लगता है।
प्रसूता को हुई परेशानी
शनिवार को जनाना अस्पताल में सिलोर निवासी गर्भवती यशोदा बाई भर्ती हुई। उसका शाम को ऑपरेशन होना था, उसे बी पॉजीटिव रक्त की आवश्यकता थी। ब्लड बैंक में तीन यूनिट बी पॉजीटिव रक्त रखा हुआ था। ऐसे में उसके परिचित ने रक्त दे दिया। लेकिन बैंक में रखा बी पॉजीटिव रक्त बिना जांच वाला था। बैंक प्रशासन ने कहा कि शाम चार बजे जांच किट की व्यवस्था होने पर रक्त दिया जाएगा। बैंक प्रशासन ने महिला को रुकने के लिए कहा या फिर बी नेगेटिव रक्त ले जाने की बात कही। लेकिन परिजनों ने मना कर दिया। इस पर शाम को चार बजे बी पॉजीटिव रक्त की जांच कराकर महिला को रक्त दिया गया। ऐसे में महिला को रक्त के लिए इंतजार करना पड़ा।
पता करते हैं, डिमांड देनी चाहिए
एलाइजा किट की नाको से सप्लाई नहीं आ रही है। लेकिन स्थानीय स्तर पर किट खरीद सकते हैं। इसके लिए डिमांड देनी चाहिए। मैं पता करता हूं डिमांड दी या नहीं। डॉ.गजानंद वर्मापीएमओ जिला अस्पताल बूंदी.