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गांवों में जर्जर सड़कें दे रही जख्म, प्रशासन मौन

राष्ट्रीय राजमार्ग 52 से जरखोदा होते हुए ठीकरिया चारनान को जोड़ने वाली सड़क पिछले एक दशक में पूर्ण रूप से डामर उखड़ने के बावजूद भी विभाग के अधिकारियों द्वारा सड़क की सुध नहीं ली जा रही।

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बूंदी

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pankaj joshi

Jun 09, 2025

गांवों में जर्जर सड़कें दे रही जख्म, प्रशासन मौन

तलवास-करवर मार्ग की क्षतिग्रस्त सड़क।

रामगंजबालाजी. राष्ट्रीय राजमार्ग 52 से जरखोदा होते हुए ठीकरिया चारनान को जोड़ने वाली सड़क पिछले एक दशक में पूर्ण रूप से डामर उखड़ने के बावजूद भी विभाग के अधिकारियों द्वारा सड़क की सुध नहीं ली जा रही। उक्त संपर्क सड़क हाइवे 4 किलोमीटर की दूरी में ठीकरिया गांव सहित लालपुरा, कराड का बरधा, बागदा व अन्य गांवो को जोड़ती है, लेकिन पिछले कई वर्षों से उक्त मार्ग की सड़क पर चल रहे अवैध मिट्टी के खनन कार्य के चलते ओवर लोड वाहनों के दबाव से पूर्णतया मिट्टी में तब्दील हो गई।

उसके बावजूद अधिकारियों द्वारा सड़क की सुध नहीं ली जा रही। यहां निकलने वाले ओवर लोड वाहनों से रेलवे के अंडर पास के नीचे क्षमता से अधिक मिट्टी भरकर निकाले जाने से यहां पर मिट्टी जमा हो गई। इस मामले को लेकर बूंदी विधायक हरिमोहन शर्मा ने पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठक में उक्त सड़क का पुनर्निर्माण कार्य करवाने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए थे। गुमानपुरा सरपंच रविंद्र मीणा द्वारा कई बार जनसुनवाई कार्यक्रमों व आयोजित होने वाले शिविरों में अधीक्षण अभियंता को लिखित में शिकायते देने के बावजूद अधिकारियों की नींद नहीं जागी।

5 किलोमीटर का लगा रहे अतिरिक्त चक्कर
वहीं ठीकरिया गांव से हाइवे की दूरी महज 4 किलोमीटर की है। यहां से तालेड़ा तहसील थाना व कोटा जाने में उक्त मार्ग से कम दूरी तय करनी पड़ती थी, लेकिन सड़क पूर्णतया नष्ट होने के बाद में अब यहां के ग्रामीणों को व दर्जनों गांवों के ग्रामीणों को नमाना रोड होते हुए वापस जरखोदा होते हुए तालेडा, कोटा जाने के लिए 5 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है।

सड़क पर डामर कम गड्ढे अधिक
तलवास.
तलवास से इंद्रगढ़ वाया करवर मार्ग गड्ढों में तब्दील हो चुका है। दुपहिया वाहन चालक तो सड़क के साइड पर बनी पगड़ियों पर वाहन को चलाने पर मजबुर है हालात यह है कि तलवास से करवर तक जाने में मात्र 15 किलोमीटर में एक घण्टा तक लग रहा है।

तलवास कस्बे से व करवर आंतरदा से रोजाना सैकडों वाहन चालक इस मार्ग का उपयोग करते है। चौपहिया वाहन समय से पहले कबाड़ हो गए, वहीं दुपहिया वाहन चालक को कमर दर्द की शिकायत सामने आने लगी है। तलवास से करवर मार्ग पर अरनेठा गांव में तो सड़क से डामर गायब हैं। बरसात में लगभग एक किमी तक सड़क पर पानी भरा रहता है, जिससे पैदल व दुपहिया वाहन चालक को तो निकलना भी मुश्किल हो जाता है।

यह सड़क मार्ग बूंदी जिले को सवाई माधोपुर को जोड़ने का सबसे कम दुरी वाला है। इस मार्ग से सवाई माधोपुर से सैलानी बूंदी जिले में भ्रमण को आते हैं। यह मार्ग दोनों राष्ट्रीय बाघ अभयारण्यों रणथंभौर राष्ट्रीय बाघ अभयारण्य व रामगढ़ विषधारी बाघ अभयारण्य को जोड़ने वाला सड़क मार्ग है, लेकिनअनदेखी से मार्ग जर्जर हो चुका है।

तलवास - करवर सड़क मार्ग को लेकर स्थानीय नेताओं व विधायक व सांसद से दर्जनों बार लिखित व मौखिक सभाओं में ज्ञापन देकर इस मार्ग पर मरम्मत व नवीनीकरण के लिए लगातार प्रयास किए गए, लेकिन हालात जस के तस बने हुए है।
सूर्य कुमार पंचोली, अध्यक्ष, ग्राम विकास समिति, तलवास

अधूरे सड़क निर्माण से वाहन चालक हो रहे परेशान
आकोदा.
राजस्थान राज्य सड़क विकास निगम की ओर से स्टेट हाइवे 138 रामेश्वर चौराहे से गोठड़ा हाइवे 148 डी तक बनने वाले सड़क का निर्माण कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है। इसका खामियाजा दर्जनों गांव के राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है। इस 35.30 किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण अगस्त 2023 से शुरू हुआ था, लेकिन दो साल में भी यह सड़क पूरी नहीं हुई है। ठेकेदार की लापरवाही के कारण अभी तक इस सड़क पर धूल के गुबार उड़ रहे हैं ।

रामेश्वर चौराहे धनाव से रामेश्वर महादेव तक ठेकेदार ने तीन बार गिट्टी बिछा दी है, लेकिन उस पर ड़ामर नहीं करने से गिट्टी वापस फेल जाती है, जिस पर दोपहिया वाहन चालक चोटिल हो रहे हैं। अब बरसात का दोर शुरू होने वाला है। अगस्त से रामेश्वर महादेव के श्रावण माह आने वाला है, जिससे रामेश्वर महादेव में श्रद्धालु आएंगे। उनको भी इस सड़क के अधूरी सड़क से समस्या का सामना करना पड़ सकता है। रामेश्वर महादेव चोराहे से रामेश्वर महादेव गेट तक 3 किलोमीटर सड़क का कार्य लगभग हो गया है केवल डामरीकरण करना ही शेष है । ऐसे में अगर इस सड़क पर बरसात से पहले ड़ामर हो जाए तो रामेश्वर महादेव के आने वाले श्रद्धालुओ को समस्या का सामना नही करना पड़े ।