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यहां पर बीमारी का कहर, अब तक आधा दर्जन की मौत…

कस्बे में स्थित मूर्तिकला केंद्रों पर अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए पत्थरों को तराश कर कलात्मक मूर्तियों का निर्माण करने वाले कारीगर मजदूर जागरूकता के अभाव में सिलिकोसिस बीमारी की चपेट में आकर दम तोड़ रहे हैं।

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यहां पर बीमारी का कहर, अब तक आधा दर्जन की मौत...

यहां पर बीमारी का कहर, अब तक आधा दर्जन की मौत...

बड़ानयागांव. कस्बे में स्थित मूर्तिकला केंद्रों पर अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए पत्थरों को तराश कर कलात्मक मूर्तियों का निर्माण करने वाले कारीगर मजदूर जागरूकता के अभाव में सिलिकोसिस बीमारी की चपेट में आकर दम तोड़ रहे हैं। यहां करीब दो दर्जन मूर्तिकला केंद्रों पर रोजाना 200 से अधिक मजदूर कार्य करते हैं। चिकित्सा विभाग की ओर से बीमारी से बचाव को लेकर यहां के मजदूरों के लिए सार्थक प्रयास नहीं करने से वह बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। सोमवार को सिलिकोसिस बीमारी से पीडि़त कुंडला निवासी शंकरलाल कुमावत 25 की मौत हो गई। शंकरलाल करीब 3 वर्ष से बीमारी से पीडि़त होकर जिंदगी व मौत के बीच झूल रहा था। पिछले तीन साल में क्षेत्र में आधा दर्जन मजदूर बीमारी से पीडि़त होकर उपचार के अभाव में दम तोड़ चुके हैं। मजदूरों की मौत होने से परिवारों का सहारा छीनता जा रहा है। इन मजदूरों पर चिकित्सा विभाग की अनदेखी दिनों दिन भारी पड़ती जा रही है।