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खाद का संकट गहराया, फसल पर खतरा मंडराया

क्षेत्र में रबी फसल की बुवाई के लिए किसान पूरी तरह तैयार बैठे हैं, लेकिन खाद की भारी किल्लत ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है।

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बूंदी

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pankaj joshi

Nov 19, 2025

खाद का संकट गहराया, फसल पर खतरा मंडराया

लबान. घाट का बराणा सहकारी में खाद के लिए जमा भीड़।

लबान. क्षेत्र में रबी फसल की बुवाई के लिए किसान पूरी तरह तैयार बैठे हैं, लेकिन खाद की भारी किल्लत ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है। क्षेत्र की सहकारी समितियों व डीलरों अलग-अलग हिस्सों में खाद के लिए कतार देखने को मिल रही हैं। कई-कई घंटे इंतजार के बाद भी किसान खाली हाथ लौटने को मजबूर हैं। किसानों का आरोप है कि सरकारी डिपो और सहकारी समितियों पर खाद का स्टॉक नदारद है, जबकि कुछ डीलरों के पास खाद उपलब्ध होते हुए भी उन्हें ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है या अटेचमेंट के साथ लेने किसान को देते है। इससे साफ है कि कालाबाजारी खुलेआम हो रही है और विभाग मूकदर्शक बना हुआ है।

किसानों का दर्द
क्षेत्र में इस दीपावली के बाद बरसात गिरने से सभी किसान गेहूं बुवाई खेतों में नमी होने से बिना रेलने के ही कर रहे है और खाद की किल्लत के चलते हालात चिंताजनक हैं। किसान बाबूलाल सुमन चहिचा के किसान मांगीलाल मीणा बताते हैं कि वर्तमान की फसल इस बार बारिश से पूरी तरह चौपट हो गई। हर साल उड़द सोयाबीन की पैदावार से अगले मौसम की तैयारी हो जाती थी, लेकिन इस बार खेत खाली रह गए। अब अगर रबी की बुवाई भी खाद के बिना अटक गई तो किसान सड़क पर आ जाएगा।

संकट और नाराजगी
किसानों का कहना है कि बुवाई का समय निकलता जा रहा है। बीज और जुताई पूरी हो चुकी है, लेकिन खाद के बिना बुवाई असंभव है। अधिक बारिश से फसल पहले ही नष्ट हो चुकी, अब रबी की फसल भी खतरे में पड़ने लगी है। किसान दिन भर लाइनों में लग कर भी खाली हाथ लौट रहे है। जिला परिषद सदस्य के सी वर्मा, लबान सरपंच बुद्धि प्रकाश मीणा, कोटाखुर्द के रामलक्ष्मण मीणा ने सरकार व जिला प्रशासन से तुरंत पर्याप्त खाद उपलब्ध कराने की मांग की है। साथ ही कालाबाजारी करने वाले डीलरों के खिलाफ सत कार्रवाई की मांग की है।

घर का कामकाज छोड़ लगी कतार में
क्षेत्र की घाट का बराणा सहकारी समिति में मंगलवार को यूरिया खाद का वितरण किया गया था, खाद की किल्लत के चलते कई किसान व महिलाएं खाद लेने पहुंच गई और थोड़ी देर में लंबी लाइन लग गई, लेकिन एक किसान को मात्र पांच बैग ही वितरित करने से कई महिलाओं को जो घर का कामकाज छोड़ कतार में लगी थी खाली हाथ लौटना पड़ा।

कापरेन. क्षेत्र में धान कि फसल कटाई के बाद किसान रबी फसल की बुआई करने में जुट गए हैं। गेहूं की बुवाई को लेकर किसान खाद और बीज की तैयारी और खेतों की हंकाई जुताई में जुटे हुए हैं। खाद नहीं मिलने से किसान रोजाना खाद विक्रेताओं, मार्केटिंग सोसायटी के चक्कर काटने को मजबूर हैं। खाद की किल्लत से किसान परेशान हैं और क्षेत्र में खाद बहुत कम आने से किसानों को बार बार कतारों में लग कर खाद की पूर्ति करनी पड़ रही है, जिसके चलते किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले सप्ताह ही शहर की मार्केटिंग सोसायटी में डीएपी खाद आया तो लेने के लिए किसानों की भीड़ लग गई। भीड़ को देखते हुए कृषि पर्यवेक्षकों की निगरानी में कृषि उपज मंडी में खाद वितरण करवाया गया। प्रत्येक किसान को दो दो कट्टे डीएपी खाद दिया गया, जिससे किसानों को मांग के अनुसार खाद नहीं मिला और फिर से किसान खाद के लिए भटकने को मजबूर हो गए।

किसानों का कहना है कि क्षेत्र में पिछले एक माह से डीएपी और यूरिया खाद की किल्लत बनी हुई है। पहले सरसों में किसानों को खाद के लिए भटकना पड़ा, वहीं अब गेहूं की बुवाई के लिए भी किसान चक्कर काट रहे हैं। खाद के लिए रोजाना काम धंधे छोड़कर खाद विक्रताओं के चक्कर काटने पड़ते हैं। खाद आने पर मांग अधिक होने से हाथों हाथ बिक जाता है और कई किसान वंचित रह जाते हैं। वहीं किसानों की भीड़ अधिक होने से किसानों को मांग के अनुसार नहीं मिल पाता है। किसानों ने प्रशासन से मांग के अनुसार खाद उपलब्ध करवाने की मांग की है।

एक माह की ही सरसों की फसल
किसानों का कहना है कि क्षेत्र में सरसों की फसल एक माह की होने लगी है। ऐसे में सरसों में यूरिया खाद की आवश्यकता पड़ने लगी है। खाद नहीं मिलने से देरी हो रही है और किसान चक्कर काट रहे हैं। वहीं कुछ किसान जो बारिश के बाद गेहूं की बुवाई कर चुके हैं उनके गेहूं की फसल बीस दिन की हो चुकी है। ऐसे में यूरिया, डीएपी खाद की जरूरत पड़ रही है।

लगातार बारिश ने बिगाड़ा गणित
क्षेत्र में इस बार बेमौसम हुई बारिश ने किसानों का गणित बिगाड़ दिया है। बारिश से धान की कटाई प्रभावित हुई है। देरी होने से किसान बिना पलेवा किए गेहूं की बुवाई कर रहे हैं। वहीं मावठ अधिक होने की आशंका को देखते हुए किसान चने की बुवाई कम कर रहे हैं। गेहूं का रकबा बढ़ने से खाद की मांग अधिक है। खेतों में नमी के चलते किसान बिना पलेवा किए गेहूं की बुवाई कर रहे हैं, जिससे भी एक साथ खाद की मांग बढ़ गई है।

मांग अनुसार मिले खाद
भारतीय किसान संघ जिलाध्यक्ष सन्तोष दुबे, अमर लाल मालव आदि ने बताया कि धान की कटाई के बाद किसान गेहूं की बुवाई कर रहे हैं। खाद नहीं पहुंचने से किसान परेशान हैं और खाद विक्रेताओं के चक्कर काट रहा है। वहीं अटैचमेंट के साथ दिया जाने से किसानों को अतिरिक्त खर्चा भी झेलना पड़ रहा है।

इनका कहना है
इस बार क्षेत्र में बरसात से खेतों हुई नमी के चलते किसानों सभी जगहों पर एक साथ गेहूं की बुवाई शुरू कर दी है और गेहूं की बुवाई का रकबा भी बढ़ा है, जिसके अनुपात में उच्चाधिकारियों को खाद की मांग से अवगत करवा दिया गया है। कालाबाजारी व खाद के वितरण पर सतत निगरानी है। जल्द ही क्षेत्र में आपूर्ति करवा दी जाएगी।
पप्पू लाल मीणा, सहायक कृषि अधिकारी, केशवरायपाटन

क्षेत्र में इस बार गेहूं की बुवाई का रकबा बढ़ा है। सहकारी समितियों में खाद की आपूर्ति होने पर सरकारी निर्देशों वितरण करवा जा रहा है
लाल चंद मीणा, कृषि पर्यवेक्षक, कापरेन