
बूंदी. गौर गौर गोमती ईसर पूजे पार्वती..रानी पूजे राज ने मै म्हाके स्वांग ने...तू कुण की बेटी छै...ईसर जी तो पैचो बांधे गौर बाई पेच संवारे...भंवर मान पूजन दो गणगौर , सरीखे गीतो में लोक संस्कृति की झलक दिखाई दी। मोका था रॉयल राजपूत क्लब की ओर से गणगौर उत्सव का। केसरी सिंह नगर में आयोजित गणगौर उत्सव शाही अंदाज में मनाया गया।
जयपुर से खास रूप से आई ईसर गणगौर की मूरत आकर्षण का केन्द्र रही। सत्येन्द्र सिंह, बलभद्र सिंह व क्लब संचालिका रोहिणी हाड़ा एवं उर्मिला सौलंकी सहित क्लब सदस्यों ने सामुहिक रूप से गणगौर की आरती की। क्लब सचिव रीना राणावत ने प्रतियोगिता में मृगनयनी नयन, खूबसूरत पौशाक, सुदंर कैश, मेंहदी रचे हाथ,बणठन सहित कई प्रतियोगिता में परम्परागत वेशभूषा में सजी धजी महिलाओं ने गणगौर थीम पर कई रौचक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। सौलंकी ने गणगौर उद्यापन के साथ ही आर्थिक रूप से असक्षम दिव्यांग महिलाओं को उपहार भेंट किए।
हर घर में दिखा उल्लास-
शहर में घर,पार्क व मंदिरों में गणगौर पर्व का उल्लास छाया रहा। सामुहिक रूप से महिलाओं ने गणगौर की पूजा की। महिलाएं सुबह से ही पूजा की तैयारियों में व्यस्त रही। दौपहर तक पूजा अर्चना का दौर जारी रहा। शाम को भजन व गीतो की हंसी ठिठोली के बीच महिलाए सामुहिक रूप से गणगौर को पानी पिलाने निकली। कई जगहों पर टूटल्या की रस्म अदा की गई। दाधीच महिला मंडल की ओर से पुरोहित गली स्थित बोराहैड़ा हवेली में गणगौर पर्व पर शाम को टूटल्या की रस्म निभाई बड़ी संख्या में महिलाओं ने ढोल की थाप पर झूमती हुई स्वांग रच टूटल्या में शामिल हुई।
16 अंक का रहा महत्व
गणगौर पूजा में 16 अंक का विशेष महत्व है। पूजा के अंतिम दिन भी गणगौर को आटे से बने 16 मीठे मोदक चढ़ाते है इसके साथ ही सुहाग पिटारी, पकवान, चुडिय़ा, चुनरी, मठरी सहित सभी पकवान उपहार और पूजा की सामग्री 16-16 की संख्या में अर्पित कर सुहागिनों और युवतियों ने गणगौर का आशीष लेते है।
Published on:
20 Mar 2018 08:37 pm
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