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बूंदी की आवोहवा के बीच रियासतकालीन माता का यह कैसा संकेत…आँखों से फूट पड़ा क्रोध…आखिर क्यों हुआ ऐसा पढ़िए यह ख़बर

हंसा देवी की प्रतिमा का रंग पिघल गया ओर ऑखे बाहर निकल आई।नहीं बताया अच्छा संकेत

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Hasa Devi Mata temple akhand jot se lagi aag mach gaya hadaqamp

बूंदी.शहर के आजाद पार्क के समीप मां हसा देवी माता मंदिर परिसर में रविवार अल सुबह अखण्ड जोत से आग लग जाने से हडक़म्प मच गया। आग की लपटे तेज होने से अलमारी में रखे कपड़े पूरी तहर से जलकर खाक हो गए। वहीं छत की टाईल्स के साथ विद्युत तार टूट गए ओर लकड़ी का फर्नीचर जल गया। आग लगने से हंसा देवी की प्रतिमा का रंग पिघल गया ओर ऑखे बाहर निकल आई।

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जानकारी के अनुसार हंसा देवी माता मंदिर में हर रोज की तरह सुबह मंदिर का गेट खोलने पुजारी आया। जैसे पुजारी ने मदिर परिसर का गेट खोला तो आग की तेज लपटों के साथ निकलते धुए से पुजारी डर गया। कमरे से धुंआ धुंआ निकलता रहा। इस पर पुजारी ने दर्शन करने आने वाले श्रद्वालुओं की मदद से बड़ी मशक्कत आग को बुझाया। आग की लपटे तेज होने से लोहे की अलमारी में रखे कपड़े जल गए।

निकल आई ऑखे,नहीं बताया अच्छा संकेत

श्रद्वालुओं के आस्था का केंद्र कहे जाने वाली हंसा देवी माता के मंदिर में आग लगने के बाद माता प्रतिमा से ऑखे बाहर निकल आई। इससे एक बार के लिए तो पुजारी के होश उड़ गए। दर्शन करने वाले श्रद्वालुओं ने इसको अच्छा संकेत नहीं बताया। वहीं माता की प्रतिमा का रंग भी पिघल गया। पुजारी गोपाल लाल सेनी ने प्रतिमा का साफ कर उनकी ऑखे लगाई।

बाहर जलने चाहिए दीपक

दर्शन करने आने वाली महिलाओं ने कहा कि ये तो माता का चमत्कार है कि बडा हादसा होने से बच गया। रियासतकालीन माते के मंदिर में सालों से ये ज्योत चली आ रही है लेकिन पूर्व में कभी ऐसा हादसा नहीं हुआ। श्रद्वालुओं इस घटना के बाद मंदिर परिसर के बाहर दीपक जलाने की बात कही। इससे लोगों को किसी भी परेशनी का सामना नहीं करना पड़ेगा।