
बूंदी के सुखमहल में आयोजित मान मनुहार कार्यक्रम के दौरान राजस्थानी भोजन करते विदेशी सैलानी।
बूंदी. बूंदी महोत्सव के कार्यक्रम की श्रृंखला में यहां सुखमहल में सुरम्य प्राकृतिक छटा के बीच देशी-विदेशी पावणों की देशी व्यंजनों से मीठी मनुहार की गई। उनको हाड़ौती के पसंदीदा पारम्परिक व्यंजन कत्त-बाफले से सत्कार किया गया। मान-मनुहार’ कार्यक्रम में विदेशी मेहमानों का स्वागत पारंपरिक राजस्थानी रीति-रिवाजों से किया गया,उनको साफा बंधवाकर तिलक लगाकर मोली बांधी व लाख के चूड़े पहनाए गए। राजस्थानी स्वागत से विदेशी पर्यटक
आकर्षित हुए ओर खूब सेल्फी ली। रानी रोहिणी फाउंडेशन की सदस्यों व रोहिणी हाड़ा ने पावणों को तिलक लगाकर लाख के चूड़े पहनाए। लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों पर विदेशी सैलानियों ने नृत्य किया। कार्यक्रम की शुरुआत में एडीएम रामकिशोर मीणा, सीईओ जिला परिषद रवि वर्मा, एसडीएम लक्ष्मीकांत मीणा व पर्यटन अधिकारी प्रेमशंकर सैनी ने विदेशी पावणों का मुंह मीठा करवाया। इसके बाद विदेशी मेहमानों को दाल-बाटी और कत-बाफले परोसे गए। पहले एक-दूसरे को कत्त खिलाए गए। इसके बाद सभी ने इन व्यंजनों का खूब आनंद लिया और ’’वेरी गुड’’, ’’वंडरफुल’’, और ’’सो नाइस’’ जैसे शब्दों के साथ इस आयोजन की प्रशंसा की। इस अवसर पर लोक कलाकारों ने कच्छी घोड़ी और अन्य नृत्य गीतों से समा बांधा। संचालन राजकुमार दाधीच ने किया।
ऐतिहासिक स्मारकों को निहारते हुए निकाली विरासत यात्रा,समझाया महत्व
वहीं बूंदी महोत्सव के दूसरे दिन रविवार को भी विविध आयोजन हुए। कार्यक्रम की शुरुआत सुबह गढ़ पैलेस से रानी जी की बावड़ी तक निकाली गई विरासत यात्रा (हेरिटेज वॉक) के साथ हुई। लोक कलाकारों के नृत्य और गान के साथ निकाली गई इस यात्रा में देसी-विदेशी पर्यटक शामिल हुए। विरासत यात्रा गढ़ पैलेस से प्रारंभ होकर जैन मंदिर, ऐतिहासिक हाथी शिवप्रसाद हुंजा घोड़ा, लक्ष्मीनाथ का मंदिर, चारभुजा मंदिर राव भाव के ङ्क्षसहासन, विभिन्न हवेलियों, तोपखाना, चौगान दरवाजा, नागर सागर कुंड, सूर्यमल मिश्रण की प्रतिमा को निहारते हुए रानी जी की बावड़ी पहुंची। सैलानियों को ङ्क्षहदी और अंग्रेजी में इन मॉन्यूमेंट््स का ऐतिहासिक महत्व एवं बनावट एवं शैली के बारे में बताया गया। सदर बाजार में आजाद बैंड के मास्टर मुश्ताक अली ने बांसुरी बजाकर सैलानियों का दिल जीत लिया। सैलानियों ने इन ²श्यों को अपने कैमरों में भी कैद किया और बूंदी की समृद्ध विरासत को देखकर रोमांचित हुए। कच्ची घोड़ी के कलाकार आयुष मेहता के गीतों में नृत्य करते इस विरासत यात्रा के दौरान आगे-आगे चलें। इससे पूर्व विरासत यात्रा को जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि वर्मा,उपखंड अधिकारी लक्ष्मीकांत मीणा, इंटेक संयोजक राजकुमार दाधीच व राजेंद्र भारद्वाज ने झंडी दिखाकर रवाना किया। यात्रा के दौरान के.सी.वर्मा, जयप्रकाश त्रिपाठी, औराक नय्यर, गाइड अश्विनी शर्मा,जयप्रकाश जैन आदि व्यवस्था बनाए हुए चल रहे थे।
Published on:
10 Nov 2025 12:10 pm
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