स्मार्ट क्लासरूम राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत निर्मित किए गए हैं। इनमें डिजिटल बोर्ड एवं अन्य सम्बद्ध उपकरण लगाए गए हैं। यह तालेड़ा, बरूंधन, हिंडोली मॉडल विद्यालयों सहित अन्य माध्यमिक, उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों वाले आवासीय विद्यालयों व छात्रावासों में हैं, जिनकी संख्या 17 है। इन विद्यालयों में विभिन्न विषयों के कालांश निर्धारित कर उन्हें डिजिटल तकनीक से पढ़ाया जा रहा है।
ई-ट्यूशन से अपने ही गांव-कस्बे में मिल रही फ्री कोचिंग
राज्य सरकार के ई-टयूशन नवाचार से विद्यार्थियों को स्मार्ट क्लासरूम के जरिये गणित-विज्ञान की विशेष कोचिंग दी जा रही है। जो प्रतियोगी परीक्षा में लाभप्रद है। कोटा स्थित एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के माध्यम से राज्य में यह परियोजना संचालित है। जिले में 7 विद्यालयों में जहां विज्ञान विषय है और स्मार्ट क्लासरूम भी है, वहां यह सुविधा उपलब्ध है। इस तरह ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी अपने गांव-कस्बे में बिना कोई शुल्क दिए क्वालिटी एजुकेशन व कोचिंग प्राप्त कर रहे हैं।
राज्य सरकार के ई-टयूशन नवाचार से विद्यार्थियों को स्मार्ट क्लासरूम के जरिये गणित-विज्ञान की विशेष कोचिंग दी जा रही है। जो प्रतियोगी परीक्षा में लाभप्रद है। कोटा स्थित एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के माध्यम से राज्य में यह परियोजना संचालित है। जिले में 7 विद्यालयों में जहां विज्ञान विषय है और स्मार्ट क्लासरूम भी है, वहां यह सुविधा उपलब्ध है। इस तरह ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी अपने गांव-कस्बे में बिना कोई शुल्क दिए क्वालिटी एजुकेशन व कोचिंग प्राप्त कर रहे हैं।
रमसा बूंदी के कार्यक्रम अधिकारी उल्मे हबीबा का कहना कि स्मार्ट क्लासरूम के लिए ऑडियो-विजुअल पाठ्य सामग्री राज्य स्तर पर तैयार की जाती है और इससे शिक्षण कराया जाता है। डिजिटल क्लासरूम इस तरह विधार्थियों को रोचक अंदाज में जटिल विषयों को समझाने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। इससे विद्यार्थियों का शैक्षिक स्तर सुधर रहा है। स्मार्ट क्लासरूम के अलावा 27 माध्यमिक स्तर के विद्यालयों में एलईडी सुविधा दी गई है जिसके माध्यम से भी डिजिटल शिक्षण कराया जा रहा है।