
लबान देईखेड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद।
लबान. क्षेत्र में कोटा दौसा मेगा हाइवे पर देईखेड़ा में स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सडक़ हादसों में गम्भीर घायलों के इलाज के लिए पर्याप्त संसाधान नहीं होने से इमरजेंसी में प्राथमिक उपचार के बाद रेफर करना करना पड़ता है। जानकारी अनुसार देईखेड़ा अस्पताल में पांच चिकित्सक के पद स्वीकृत है, जिसमें से तीन पद भरे हुए है और दो रिक्त है। वहीं क्षेत्र में दिल्ली मुम्बई एक्सप्रेस वे पर यातायात शुरू होने व मेगा हाइवे पर होने वाले सडक़ हादसों में अधिकतर गम्भीर घायल आते है। ऐसे अस्पताल ईसीजी की मशीन तो है पर ऑपरेटर नहीं है और ना ही फ्रेक्चर की स्थिति में यहा पर प्लास्तर बांधने के भी संसाधन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में सडक़ हादसे में गम्भीर घायलों को इमरजेंसी में प्राथमिक उपचार करके ही रेफर करना पड़ता है।
वहीं अस्पताल में मोर्चरी नहीं होने से रेल सडक़ या अन्य दुर्घटनाओं में मृत शवों को पोस्टमार्टम नहीं होने या शिनाख्त नहीं होने पर सुरक्षित रखने के लिए ट्रीटमेंट कक्ष में शव को रखना पड़ता है, जिससे मृतक के परिजनों को परेशान होना पड़ता है। अस्पताल में पेयजल की उपलब्ध नहीं होने से मरीजों व तीमारदारों को
पेयजल की किल्लत के कारण भी परेशान पड़ता है।
अस्पताल में ट्रोमा जैसी सुविधाओं की दरकार
मेगा हाइवे के किनारे स्थित होने व क्षेत्र में दिल्ली मुम्बई रेल कोटा दौसा मेगा हाइवे ओर दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे होने से दुर्घटनाओं के समय घायलों को त्वरित उपचार के लिए अस्पताल में सेमी ट्रोमा अस्पताल जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाने की आवश्यकता है, जिससे क्षेत्र के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सके।
अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों व स्टाफ के साथ बेहतर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाने का प्रयास रहता है। सडक़ हादसों में गम्भीर घायलों के लिए ईसीजी मशीन ऑपरेटर व अस्थि रोग चिकित्सक और संसाधन उपलब्ध करवाने के लिए समय समय बैठकों में उच्चाधिकारियों को अवगत रखा है और अस्पताल में सुविधाओं के विस्तार के लिए उच्चाधिकारियों को प्रस्ताव भी भिजवा रखे है।
ललित किशोर मीणा
Published on:
08 Jan 2025 12:22 pm
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