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आंगनबाड़ी केंद्रों में रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम अब तक अधूरा

प्रदेश में बच्चों की पूर्व प्राथमिक शिक्षा और पोषण का आधार माने जाने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अब तक नहीं लग पाया है।

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बूंदी

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pankaj joshi

Jul 10, 2025

आंगनबाड़ी केंद्रों में रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम अब तक अधूरा

फाइल फोटो

बूंदी. प्रदेश में बच्चों की पूर्व प्राथमिक शिक्षा और पोषण का आधार माने जाने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अब तक नहीं लग पाया है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने पिछले साल प्रदेशभर के आंगनबाड़ी केंद्रों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित करने के आदेश जारी किए गए थे, लेकिन बजट के अभाव और मॉनिटरिंग की कमी के चलते यह आदेश कागजी बनकर रह गए। इन केंद्रों पर तीन से छह वर्ष के बच्चों को शिक्षा और छह माह से छह वर्ष तक के बच्चों को पोषण आहार एवं स्वास्थ्य सेवाएं दी जाती हैं, लेकिन जल संरक्षण को लेकर विभाग की गंभीरता गायब रही।

तो मिलती राहत
यदि विभागीय भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित कर दिए जाते तो न सिर्फ जल संकट का समाधान होता बल्कि पोषण वाटिका, शौचालयों में पानी की व्यवस्था और भविष्य के लिए जल भंडारण भी सुनिश्चित हो पाता। इससे भूमिगत जलस्तर में सुधार और बच्चों को स्वच्छ जल की उपलब्धता भी सुनिश्चित होती।

निर्णय का कारण
कई आंगनबाड़ी केंद्रों में नलकूप सूख चुके हैं और कुओं का जलस्तर नीचे चला गया है। बरसात का पानी यूं ही बह जाता है। इस स्थिति को देखते हुए रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम को लागू करने का निर्णय लिया गया था। लेकिन अभी तक क्रियान्वयन नहीं हो सका है।

प्रदेश में स्थिति
कुल आंगनबाड़ी केंद्र - 62000़
विभागीय भवन में संचालित केंद्र- 28000
परियोजना कार्यालय- 365
राजधानी जयपुर में सर्वाधिक केंद्र- 4254

बूंदी जिले की स्थिति
कुल आंगनबाड़ी केंद्र- 1220
विभागीय भवन में संचालित- 338
विद्यालय भवन में- 602
किराए पर भवन - 221
अन्य सरकारी भवन - 59

हर जिले को भेजे गए थे निर्देश
पिछले साल निदेशालय की ओर से सभी जिलों के उपनिदेशकों को निर्देश दिए गए थे कि आंगनबाड़ी केंद्रों की सूची ग्राम सभाओं से अनुमोदित कर जिला परिषदों को सौंपी जाए, ताकि संबंधित केंद्रों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित किया जा सके। परन्तु प्रदेश के 62 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों में से आधे से अधिक के पास खुद का भवन ही नहीं है। जहां भवन हैं, वहां ढांचागत स्थिति ठीक नहीं है। कई केंद्र स्कूलों या किराए के भवनों में संचालित हैं, जहां जलापूर्ति की स्थिति खराब है। जिले में कई विभागीय भवनों में जल जीवन मिशन के तहत कनेक्शन हो चुके हैं,परन्तु कई भवन जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं या अब भी कनेक्शन से वंचित हैं।

जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों में जल संरक्षण के लिए जिला परिषद के माध्यम से रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना प्रस्तावित है। जो भी जरुरी सहयोग होगा, हम प्रदान करेंगे।
ऋचा चतुर्वेदी, उप निदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग बूंदी