प्रशासन अब जल्द इनके हाथ पीले करवाने की तैयारियों में जुटा है। करीब २६ जोडा़े की शादी को लेकर अब विभागीय टीम कार्य में जुटी है। समाज की कुप्रथा से लडक़र पहली दफा मानव तस्करी यूनिट प्रभारी कनीज फातिमा व प्रशासन की पहल पर पिछले साल रामनगर में २१ जोडो का विवाह करवाया जो आज समाज की मुख्य धारा से जुडकर अपना जीवन यापन कर रहें हैैैै।
इसी का नतीजा है कि रामनगर में अब अन्य बेटियों की उम्मीदों को भी पंख लग रहें है। अपने भविष्य को संवारने के लिए इन बेटियों ने खुद अपना साथी चुना है, ओर अब शादी करने की इच्छा जताई है। अब मानव तस्करी यूनिट टीम सरकारी योजनाओं व भामाशाहों से इनकी मदद को तैयार है।
रामनगर के साथ इतिहास में पहली बार शंकरपुरा कंजर बस्ती से पांच जोड़ो ने समाज की कुप्रथा के खिलाफ आवाज उठाते हुए शादी के बंधन में बंधने का फैसला लिया है। लंबे समय से शरीर के सौदे में फंसी लड़कियों व गांव की महिलाओं को जागरूक करने के लिए विभागीय टीम काम कर रही है। पिछले साल टीम की पहल रंग लाने के बाद एक बार फिर उन्होनें रामनगर व शंकरपुरा कंजर बस्ती में महिलाओं की काउसलिंग की।
बेटियों ने प्रेरित होकर देह व्यापार के दलदल से निकलकर अपने जीवन साथी के साथ जीवन गुजारने की इच्छा जाहिर की है। यूनिट के पास करीब २६ जोड़ो के डाक्यूमेंट प्राप्त हुए है। लेकिन विभाग २१ जोडा़े का लक्ष्य लेकर चल रहा है।
शादी की तारीख को लेकर मिटिंग- इन बेटियों की शादी को लेकर एक दो दिन में जिला कलक्टर शिवांगी स्वर्णकार के साथ मिटिंग होगी। पहले विभागीय टीम ने शादी की तारीख ३० अप्रेल तय की थी लेकिन व्यवस्था नही होने के चलते अब शादी मई में होगी। प्रभारी कनीज फातिमा ने बताया कि जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक ने इसे अच्छी पहल बताते हुए जिले की समाजसेवी व संगठनों को आगे आने की बात कही ताकि इन बेटियों की मदद हो सके।
साधा जा रहा है, भामाशाहों से सम्पर्क- बेटियों के कन्यादान व मदद को लेकर विभाग भामाशाहो से सम्पर्क साध रहा है । पिछली बार भी शहर की स्वयंसेवी संस्थाओं ने दिल खोलकर इन बेटियों के विवाह में अपना योगदान दिया था। इस बार भी प्रशासन को इन संस्थाओं से सहयोग की अपेक्षा है।
मानव तस्करी यूनिट कनीज फातिमा ने बताया की रामनगर व शंकरपुरा में कुप्रथा आज भी जारी है। एक समुदाय है, जो परंपरा की दुहाई दे कर अपने घर की बेटी से देहव्यापार कराता है। लेकिन अब महिलाआएं जागरूक होने लगी है। पिछले साल २१ जोड़ो का विवाह करवाकर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया गया जिसके बाद महिलाओं में सरकार व प्रशासन में विश्वास बना है। शादी को लेकर २६ जोडो ने बात की है। मई माह में तारीख तय कर जल्द ही प्रशासन के सहयोग से विवाह समारोह होगा।
मानव तस्करी यूनिट कनीज फातिमा ने बताया की रामनगर व शंकरपुरा में कुप्रथा आज भी जारी है। एक समुदाय है, जो परंपरा की दुहाई दे कर अपने घर की बेटी से देहव्यापार कराता है। लेकिन अब महिलाआएं जागरूक होने लगी है। पिछले साल २१ जोड़ो का विवाह करवाकर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया गया जिसके बाद महिलाओं में सरकार व प्रशासन में विश्वास बना है। शादी को लेकर २६ जोडो ने बात की है। मई माह में तारीख तय कर जल्द ही प्रशासन के सहयोग से विवाह समारोह होगा।