7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

खेतों को नहरी पानी का इन्तजार, बीत रहा फसल बुवाई का समय

टेल क्षेत्र के बड़ाखेड़ा, बंसवाडा, माखीदा, पापडी,जाडला, बहडावली, बगली, खाखटा,पीपल्दा थाग, सामरा आदि गांवों में नहर का पानी किसानों के खेतों तक नहीं पहुंचा।

2 min read
Google source verification

बूंदी

image

pankaj joshi

Nov 20, 2024

खेतों को नहरी पानी का इन्तजार, बीत रहा फसल बुवाई का समय

बड़ाखेड़ा. टेल क्षेत्र के बड़ाखेड़ा माइनर की नहर सूखी पड़ी हुई

लबान.बड़ाखेड़ा. टेल क्षेत्र के बड़ाखेड़ा, बंसवाडा, माखीदा, पापडी,जाडला, बहडावली, बगली, खाखटा,पीपल्दा थाग, सामरा आदि गांवों में नहर का पानी किसानों के खेतों तक नहीं पहुंचा। इसको लेकर जनप्रतिनिधियों व जल उपभोक्ता संगम अध्यक्षों में सीएडी विभाग के प्रति रोष प्रकट किया है। किसानों ने बताया कि टेल क्षेत्र में 15 अक्टूबर से पानी छोड़ने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सीएडी विभाग की रोटेशन प्रणाली बिगड़ने से किसानों को रबी की फसल बुवाई के लिए एक माह देरी हो चुकी है। बार बार उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराया जा चुका है, लेकिन अभी तक टेल क्षेत्र के किसानों को नहरी पानी का इन्तजार कर रहे हैं। नहरी पानी नहीं मिलने से किसान चिंतित नजर आ रहे हैं

गेहूं की फसल बुवाई में हो रही देरी
टेल क्षेत्र के किसान मुकेश सेवदा, निरंजन सेन, हनुमान मीणा, गिरिराज मीणा आदि ने बताया की इस समय किसान खेतों में रबी की फसल बुवाई कर रहे हैं। किसानों को रेलने व पलेवा करने के लिए नहरी पानी की जरूरत है, जो नहीं मिल पा रहा है, जिसके चलते किसान गेहूं की फसल बुवाई में एक माह की देरी हो चुकी है। गेहूं की फसल में देरी से पैदावार में फर्क पड़ेगा। दूसरी फसलों सिंचाई के लिए नहरी पानी आवश्यकता है नहरी पानी फसलों के लिए फायदेमंद होता है

डीजल से सिंचाई करने की मजबूरी
टेल क्षेत्र के किसानों ने बताया की रबी की फसल बुवाई के लिए महंगा डीजल खरीद कर सिंचाई करने की मजबूरी बन जाती है। फसल के लिए नहर का पानी समय पर नहीं मिल पाता है। फसल को बचाने के लिए किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड रहा है। ट्यूबवेल चलाकर खेतों में रेलना व पलेवा कर रहे हैं।

संभागीय आयुक्त के नाम ज्ञापन दिया
नहरी पानी की मांग को लेकर टेल क्षेत्र के दर्जनों गांवों के किसानों की नहरी पानी की मांग को लेकर संभागीय आयुक्त के नाम ज्ञापन लिखकर रबी की फसल बुवाई हो रही देरी, किसानों को महंगा डीजल खरीद कर सिंचाई करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। एक माह बाद भी टेल क्षेत्र के खेत प्यासे है और नहर सूखी पडी है। 48 घंटो में टेल क्षेत्र के गांवों तक नहरी पानी नहीं पहुंचा तो किसान धरने पर बैठेंगे।