हालत यह है कि अस्पताल डेढ वर्ष से प्रथम श्रेणी कंपाउंडर भोलू लाल के भरोसे चल रहा है। मजबूरन कई बार कम्पाउण्डर को दवा वितरण केंद्र पर बैठकर अकेले ही मरीज देखने पड़ रहे हैं, जिसके चलते अस्पताल में मरीजों को महरम पट्टी व ब्लड प्रेशर जांच कराने की सुविधा भी मरीज को नहीं मिल पा रही है। रात्रि के समय चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने से अधिकांश प्रसव तालेड़ा बूंदी कोटा रेफर कर दिए जाते है।
जानकारी अनुसार डेढ़ साल से चिकित्सा प्रभारी, आयुष चिकित्सा, एलएचवी, जीएनएम, आयुष कम्पाउण्डर सहित अन्य पद रिक्त से चल रहे हैं। काफी समय से प्रतिनियुक्ति पर डॉ. इरम फातिमा को तीन दिन के लिए सुवासा अस्पताल में लगा रखा है, जिसे हटाकर 9 दिसंबर से डॉ. वंदना को 31 दिसंबर तक सुवासा अस्पताल में लगाया है, वहीं शेष पद रिक्त पड़े हैं। अस्पताल में एक दर्जन से अधिक गांव के लोग इलाज करवाने आते हैं।
ओपीडी 1 वर्ष में 28000
सुवासा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक दर्जन से अधिक गांव के लोग प्रतिदिन इलाज करवाने आते हैं, जिसके चलते अस्पताल की ओपीडी 1 वर्ष में 28000 के लगभग है। ऐसे में चिकित्सक नहीं मिलने से मरीज को मजबूरन कम्पाउण्डर से इलाज करवाना पड़ रहा है। समय पर चिकित्सक नहीं मिलने से गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
लंबे समय से सुवासा आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सा प्रभारी का पद पद रिक्त है। जहां पर 3 दिन के लिए डॉ. ईरान फातिमा को लगा रखा था। इस माह में मुख्य चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी बूंदी के आदेश पर डॉ. वंदना को पल्स पोलियो को देखते हुए 31 दिसंबर तक लगा रखा है। उच्च अधिकारियों के पास रिक्त पदों की सूचना भेज रखी है, जैसे ही यहां पर नियुक्ति होगी स्टाफ लगा दिया जाएगा।
आशीष अग्रवाल, खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी, तालेड़ा