
अध्ययन करते बच्चे
बूंदी. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा तीन से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए (एआई) पर आधारित मौखिक पठन प्रवाह (ओआरएफ) कार्यक्रम शुरू किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक विद्यार्थी को पढऩे,समझने, सीखने तथा लक्ष्य प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाया जाएगा। बकायदा विद्यार्थियों की आवाज रेकॉर्ड कर उनके पठन कौशल का विश्लेषण किया जाएगा। इसमें एक एप के माध्यम से एआई आधारित अध्ययन करवाया जाएगा।
यू कहें तो अब सरकारी स्कूलों में भी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी (एआई) का दायरा बढऩे लगा है, जो सरकारी स्कूलों में अब पठन कौशल का विकास करेगा। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों में पढऩे की प्रवृति को अधिक मजबूत कर उनकी प्रवाहशीलता, सटीकता व पठन प्रवाह गति को उन्नत करने के लिए मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता (एफएलएन)पर केंद्रित रहेगा। प्रदेश में यह आंकलन 3 मई से पहले शुरू करने का समय निर्धारित किया गया है।माध्यामिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने जारी आदेश में बताया है कि ओआरएफ मूल्यांकन के सफल क्रियान्वयन विद्यार्थियों की पठन दक्षता का सही मूल्यांकन कर उन्हें आवश्यक शिक्षण सामग्री प्रदान की जाएगी। इसके लिए अधिकारियों व शिक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वो इस कार्यक्रम को प्रभावी ढंग से लागू करें।
दक्षता का होगा आंकलन
विद्यार्थियों का व्यैक्तिक रूप से पठन दक्षता का आकलन किया जाएगा। इसमेें विद्यार्थियों की धाराप्रवाह पठन क्षमता के आंकलन के प्रश्चात उनके दक्षता स्तर अनुरूप आवश्यक कौशल विकास किया जाएगा। साथ ही शैक्षिक रणनीतियों को प्रभावी बनाने के लिए आंकड़ा-संग्रह एवं विश्लेषण किया जाएगा।
यह होंगे शिक्षकों के दायित्व
शिक्षकों को ओआरएफ मूल्यांकन की प्रक्रिया से अवगत कराने के लिए डेमो वीडियो साझा किया जाएगा। साथ ही विद्यार्थियों के पठन प्रवाह के उचित आकलन के लिए विद्यार्थियों को उनके स्तर के अनुरूप विभिन्न स्तरों के पैराग्राफ,शब्द एवं वाक्य पढऩे के लिए कहा जाए। वहीं शिक्षक कार्यक्रम से संबंधित किसी भी प्रकार की शंका समाधान के लिए अपने पीईईओ से सम्पर्क कर उसका समाधान कर सकेंगे।
यह है ओआरएफ
ओआरएफ (ओरल रीङ्क्षडग फ्लुएंसी)एक कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) आधार पहल हैं।
यह मूल्यांकन विद्यार्थियों के धारा प्रवाह पढऩे की क्षमता को मापता है तथा उनके कौशल अंतराल की पहचान करेगा।
प्रवाहशीलता (प्रति मिनट सही शब्द-सीडब्ल्यूपीएम) एवं सटीकता के आधार पर शिक्षक विद्यार्थियों की वास्तविक स्थिति समझ सकेंगे और लक्षित सहयोग प्रदान कर सकेंगे।
यह कार्यक्रम विद्यार्थियों की पठन दक्षता में सुधार के लिए एक फाउंडेशन के सहयोग से शाला दर्पण शिक्षक एप से करवाया जाएगा।
प्रत्येक विद्यार्थी को एप से ही विद्यार्थी के दक्षता स्तर के अनुरूप रोचक पठन सामग्री दी जाएगी, जिसे विद्यार्थी को निर्धारित समय में पढऩा होगा।
अभिनव पहल
मौखिक पठन प्रवाह विभाग की एक अभिनव पहल है इसके द्वारा विद्यार्थियों के ङ्क्षहदी पठन की गति बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। उनकी वर्तमान पठन गति का आंकलन किया जाएगा। इससे छात्रों में प्रतिस्पर्धा विकसित होगी और उनका आत्म विश्वास बढ़ेगा।
डॉ. महावीर कुमार शर्मा,मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी,बूंदी
Published on:
04 May 2025 12:15 pm
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