
बूंदी. बूंदी महोत्सव के तहत पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित साफा प्रतियोगिता में भाग लेते विदेशी पर्यटक।
बूंदी. शोभायात्रा के पुलिस परेड ग्राउंड पर पहुंचने पर पारंपरिक खेलकूद प्रतियोगिताओं का रोमांच शुरू हुआ। जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित रस्सा-कस्सी, मूंछ प्रतियोगिता, साफा बांधना और पणिहारी दौड़ जैसे खेलों में स्थानीय निवासियों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों ने भी उत्साह से भाग लिया और अपना दमखम दिखाया। शहर के बड़ी संख्या में लोग पुलिस परेड ग्राउंड पर मौजूद रहे। हर कोई खेल के इस रोमांच को अपने कैमरे में कैद करते हुए नजर आए। कार्यक्रम के दौरान अतिरिक्त जिला कलक्टर रामकिशोर मीणा,मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि वर्मा,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उमा शर्मा व उपखंड अधिकारी लक्ष्मीकांत मीणा व इंटेक संयोजक राजकुमार दाधीच ने विजेताओं को पुरस्कृत किया। संचालन जिला खेल अधिकारी हर्षवर्धन चूंडावत ने किया। पर्यटन अधिकारी प्रेमशंकर सैनी ने आभार जताया।
स्थानीयों ने जीता रस्साकसी
कार्यक्रम की शुरूआत पणिहारी दौड़ के साथ हुई, जिसमें स्थानीय लोगों ने अपनी प्रतिभा को दिखाया ओर दौड़ लगाई। इसके बाद विदेशी मेहमान सिर पर मटकी लेकर दौड़ी। इसके बाद स्थानीय लोगों व विदेशी पावणों के बीच रस्साकसी की प्रतियोगिता हुई। पहले एक-एक अंक की बराबरी के साथ फाइनल मुकाबले में स्थानीय लोगों ने जीत दर्ज की।
बांधे सांफे,मूंछ पर दिया ताव
कार्यक्रम की कड़ी में स्थानीयों के साथ विदेशी मेहमनों के बीच अलग-अलग सांफा बांधो प्रतियोगिता हुई। विदेशी मेहमानों ने अपने सिर पर साफा सजाकर अपना अंदाज सबको दिखाया। वहीं स्थानीय लोगों ने भी हाड़ौती स्टाइल में अपने सिर पर साफा बांधाा। सांफा बांधो में स्थानीय में भूपेंद्र ङ्क्षसह हाड़ा प्रथम, दीपक मेहरा द्वितीय व योगेश वर्मा तृतीय,विदेशी महिला वर्ग में फैरल प्रथम,कारमल द्वितीय,स्टैफनी तृतीय,पुरुष वर्ग में ऊव प्रथम,औला द्वितीय व यूवी तृतीय स्थान पर रहे। इसके बाद मूंछ प्रतियोगिता में हाडौती के अलावा दूर-दराज से आए लोगों ने प्रतियोगिता में भाग लेकर अपनी मूंछों पर ताव दिया। इस प्रतियोगिता में चंद्रशेखर प्रथम,रमेश व्यास द्वितीय व किशोर कल्ला तृतीय स्थान पर रहे।
मूंछ से उठाया सिलेंडर व बच्चा
स्पर्धाओं के दौरान मजबूत मूछ से बूंदी के नाहर का चौहट़टा निवासी नंदकिशोर सैनी ने दो छोटे सिलेंडर व एक बच्चा उठाकर लोगों का दिल जीता। इस नजारों को हर किसी ने सराहा। लोगों कहते हुए नहीं थके मूंछे हो तो नंदकिशोर जैसी। इनको इसके लिए अवार्ड भी दिया गया। इस दौरान उन्होंने खूब तालियां भी बटौरी।
Updated on:
09 Nov 2025 12:06 pm
Published on:
09 Nov 2025 12:04 pm
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