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विकास में वास्तुदोष का लोचा…

वास्तुशास्त्र- जनता और सरकार के प्रयास से लगेगें चार चांद

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बूंदी.छोटी काशी व पर्यटन नगरी बूंदी जिले का सीमा आकार कछूए के समान है
जो वास्तु शास्त्र की दृष्टि से शुभ माना जाता है, जिले के ईशान कोण बढ़ा
हुआ होने से शहर में धार्मिकता और देश - विदेश में जिले का नाम है दक्षिण
पश्चिम के नैऋत्य कोण बढ़ा होने से सदा प्रतिष्ठा एवं नेतृत्व का भार रहा
है।

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वास्तुकार भारत कुमावत के अनुसार जिले के अग्रिकोण कटा होने से इंडस्ट्रीज व व्यापार विकसित नही हो पाया जो भविष्य में भी बना प्रयासों के संभव नही है। पश्चिम दिशा के वायत्य कोण में किला स्थित है। जिससे इसका नाम व प्रतिष्ठा देश- विदेश में ख्यातनाम है।

शहर में वास्तु-

रियासतकालिन शहर के उत्तर-पूर्व के ईशान कोण में तालाब होने से बूंदी
सदैव सुख शांति एवं धार्मिकता से ओतप्रोत रहेगा साथ ही धन- धान्य से
समृद्ध होगा। वास्तुकार कुमावत का कहना है कि किले पर लगी बड़ी हेलोजन
लाइट्स भी पर्यटन को बढ़ावा देने में अनुकूल कदम है।

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इन्हें निरंतर जलाकर साथ ही बढोत्तरी कर जिससे पर्यटन एवं व्यापारी वर्ग में अधिक से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। रिलायसं प्रेट्रोल पंप के सामने के क्षेत्र में नैऋत्य कोण में हाउसिंग बोर्ड व नई कॉलोनियां मल्टीस्टोरी का डवलपमेंट शहर के लिए विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा।

अभ्यारण की दीवार देगी समृद्धि-

शहर का सबसे बड़ा वास्तुदोष उत्तर दिशा में ऊंचे पहाड़ होना हैजिससे शहर
का विकास सदा ही अवरुद्ध बाधक रहा। वर्तमान समय में सरकार के द्वारा शहर
को अभ्यारण से अलग करने के लिए बनाई जाने वाली दीवार वास्तु दोष को
समाप्त करेगी शहर और पहाड़ का अलग होना शहर की तेज गति से विकास होगा। व्यापारी वर्ग व विद्यार्थी को इसका विशेष लाभ मिलेगा।

वास्तु दोष और निवारण-

ज्योतिषाचार्य पं अमित शास्त्री के अनुसार वास्तु दोष दूर करने के लिए
प्राथमिक रूप से शहर में स्वच्छता लानी होगी जगह जगह कचरे के ढ़ेर जमा न
होने दें। डस्टबीन रखें जाए और सडक़ो पर कचरा न फैकें। शहर की सफाई
व्यवस्था सही होगी तो सकारात्मकर ऊर्जा का संचार होगा।

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चौराहों पर शहीदों की प्रतिमाओं एवं स्मारकों व पार्को पर ध्यान दिया जाए सडक़ के बीच डिवाइडर पर पेड़ पौधे लगाए जाए मूक्तिधाम को सुधारा जाए। ईशान कोण में बने तालाब जैतसागर पर विशेष घाट बनाकर बनारस काशी की तर्ज पर प्रतिदिन गंगा मैय्या की आरती हो जाए तो जिले में समृद्धि के चार चांद लगेगें।