इनकी पूर्ति के लिए चिकित्सा विभाग के अलावा भामाशाहों को भी सहयोग लिया गया। वहीं डॉ. रिशी ने बताया कि बैंक में विभिन्न ग्रुप के 1800 यूनिट रक्त रख सकते है। उन्होंने लोगों से ब्लड बैंक में आकर रक्तदान करने की भी अपील की है, ताकि जरूरतमंद लोगों को तत्काल सुविधा मिल सके।
पत्रिका ने उठाया था मुद्दा
जिला अस्पताल में 23 साल से बिना लाइसेंस के चल रही ब्लड बैंक का मुद्दा राजस्थान पत्रिका ने बार बार उठाया। और अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की भी इसमें जवाबदेही तय की। ऐसे लाइसेंस के लिए पत्रावली पूरी करने की प्रक्रिया में तेजी आई, वहीं बैंक के लिए जरूरतें पूरी करने में भामाशाह भी आगे आए।