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बेमौसम बारिश में टूटे किसानों के अरमान

जिले भर में बैमौसम लगी बारिश की झड़ी ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। खेतों में कट कर पड़ी धान व सोयाबीन पानी भी भीग गई।

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बूंदी

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pankaj joshi

Oct 28, 2025

बेमौसम बारिश में टूटे किसानों के अरमान

रामगंजबालाजी कृषि उपज मंडी में बरसात के बाद में भीगी धान के ढेर।

बूंदी. जिले भर में बैमौसम लगी बारिश की झड़ी ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। खेतों में कट कर पड़ी धान व सोयाबीन पानी भी भीग गई। यहीं हाल बूंदी कुंवारती मंडी, देई व कापरेन मंडी के रहे। जिले में रविवार रात करीब एक बजे से शुरू हुई बारिश का दौर सोमवार शाम पांच बजे तक रुक-रुक कर चलता रहा। शहर के नाले उफान पर आ गए। जैतसागर का नाला उफान पर आने से नाले की पूरी गंदगी सडक़ों पर आ गई।

लोगों को मजबूरी में गंदे पानी में से ही होकर निकलना पड़ा। शहर की सड़कों पर पानी जगह-जगह पानी भर जाने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। शहर के बहादूर सिंह सर्किल, पुलिस लाइन रोड, बीबनवां रोड, सूर्यमल्ल मिश्रण चौराहा, लंका गेट, खोजा गेट सहित कई जगहों पर पानी भरा रहा। सोमवार शाम चार बजे तक हिण्डोली में 29, बूंदी में 77, रायथल में 58, तालेड़ा में 32, के.पाटन में 42, नैनवां में 108, इंद्रगढ़ में 45 एमएम बारिश दर्ज की गई।

नैनवां. शहर व आसपास के गांवों में तडक़े तीन बजे से ही बरसात की झड़ी लगी रही, जो सोमवार को दिनभर भी जारी रही। तडक़े तीन बजे से सोमवार शाम पांच बजे तक सवा चार इंच (108 मिमी) बरसात हुई। तहसील कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार तडक़े तीन बजे से सुबह आठ बजे तक 15 मिमी व सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे 93 मिमी बरसात हुई। गांवों में भी कई घण्टों से लगातार हो रही बरसात से खेत लबालब होने से सरसों के साथ गेहूं व चने की फसल की बुवाई थम सी गई। किसानों ने बताया कि जिन खेतो में सरसों, गेहूं व चने की गई बुवाई का बीज के भी गलने की स्थिति हो गई।

रामगंजबालाजी. क्षेत्र के गांव में वर्तमान में धान की कटाई का कार्य जारी है। कई किसान इस बार बिहार में चुनाव होने के चलते श्रमिक नहीं मिलने के बाद में कंबाइन मशीन से धान को तैयार करके मंडी में ला रहे थे, लेकिन बेमौसम हुई बरसात ने किसानों के सारे अरमानों पर पानी फेर दिया और खेतों में खड़ी फसल बारिश से चौपट हो गई। वही कट के पड़ी हुई फसले भी पानी में डूबने के बाद अब खराब होने के कगार पर है।

इतना ही नहीं कहीं किसान रविवार की छुट्टी होने के चलते खुले प्लेटफार्म पर रोजाना की तरह धान के ढेर कर दिए, लेकिन वहां पर भी किसानों को बरसात के बाद में धान के ढेर बह जाने से आर्थिक हानि हुई। कई किसानों द्वारा खेतों में फसल कटाई के बाद में धान को सुखाने के लिए मंडी के छायादार प्लेटफार्म के नीचे लाकर डाल दिया। कई दिनों से लगातार मंडी में प्लेटफार्म के नीचे किसानों का माल फैला होने से अन्य किसानों को माल खाली करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि मौसम खराब होने के बावजूद भी मंडी में वर्तमान में चल रहे धान कटाई की पीक सीजन के चलते लगभग 25000 बोरी की आवक हुई है।