
बूंदी. मुकुंदरा हिल्स में आगामी31दिसम्बर को टी91टाइगर के साथ टी83बाघिन को लाने की तैयारी चल रही है। लेकिन वनराज तो इससे पहले ही यहाँ आने को तैयार नजर आ रहा है। जी हाँ रणथंभोर से निकलकर बूंदी के जंगलों में आए बाघ टी-91 फूलसागर के जंगल में पहुंच गया। बाघ के ताजा पगमार्क यहाँ सिलिका माइंस के निकट मिले है। बाघ ने फ़िलहाल बोरखण्डी के जंगल मे डेरा जमाया हुआ है। अब उसके आगे कालन्दा के जंगल से होते हुए जवाहर सागर अभ्यारण्य में जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसी के साथ कोटा के मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघों की दहाड़ सुनाई देने के एक दशक पुराना इंतजार इस साल खत्म हो जाएगा। बाघ टी-91 बोरखण्डी के जंगलों में विचरण कर रहा है।इसे काफी खूंखार बताया जा रहा है। वन विभाग इसकी लगातार ट्रेकिंग कर रहा है।
रणथंभौर अभयारण्य से निकलकर बूंदी जिले के रामगढ़ विषधारी अभयारण्य में आया बाघ टी-91 गुरुवार को फूलसागर के जंगल में पहुंच गया। बाघ के ताजा पगमार्क यहां सिलिका माइंस के निकट मिले हैं। बाघ ने फिलहाल बोरखंडी के जंगल में डेरा जमाया हुआ है।अब उसके आगे कालदां के जंगल से होते हुए जवाहर सागर अभयारण्य में जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। बाघ के हाई-वे ५२ के निकट पहुंचने से सुरक्षा पर भी सवाल उठने लगे हैं। वन्यजीव प्रेमियों ने बाघ के हाई-वे पार करने को लेकर चिंता जाहिर की है। इधर, बाघ के फूलसागर के जंगल में पहुंचने की सूचना के बाद बूंदी और सवाईमाधोपुर अभयारण्य के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। बाघ की गतिविधि पर लगातार नजर रखी जा रही है।सुरक्षा को लेकर ट्रेकिंग कर रहे हैं।
रामगढ़ महल के पास था
जानकार सूत्रों ने बताया कि बाघ रामगढ़ महल के पास था, लेकिन बीते कुछ दिनों से पगमार्क नहीं मिले। ऐसे में बाघ के आगे बढऩे की उम्मीद जताई जा रही थी। गुरुवार को बाघ के ताजा पगमार्क बड़ौदिया के निकट सिलिका माइंस के पास मिल गए। सूचना पर अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने जांच के बाद बाघ के मौजूद होने की पुष्टि कर दी।रेंजर रामेश्वर चंदेरिया ने बताया कि बाघ पर पूरी निगरानी रख रहे हैं।
Updated on:
15 Dec 2017 12:39 am
Published on:
15 Dec 2017 12:29 am
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