तीन दिन से जलापूर्ति नहीं हो पाने से कस्बे के लोग परेशान है। बजट नहीं होने की बात कहकर ग्राम पंचायत ने जलापूर्ति व्यवस्था करने के प्रति हाथ खड़े कर दिए तो योजना ग्राम पंचायत के सुपुर्द कर दिए जाने से अब जलदाय विभाग ने भी जलापूर्ति व्यवस्था से पूरी तरह हाथ खींच लिए।
राज्य सरकार ने घर-घर जल योजना के तहत जलजीवन मिशन जलप्रदाय योजना स्वीकृत की थी। योजना का कार्य पूरा होते ही संचालन ग्राम पंचायत को ही करना था। जलदाय विभाग ने कस्बे में नैनवां रोड पर उच्च जलाशय व पम्प हाउस का निर्माण कर कस्बे में पाइप लाइने डालकर 686 घरों में नल कनेक्शन जारी किए थे। योजना का कार्य पूरा कर जलदाय विभाग ने 10 मार्च 2023 में ही योजना को संचालित करने के लिए दुगारी ग्राम पंचायत को सुपर्द कर दिया था। ग्राम पंचायत को सुपुर्द करने के बाद जलदाय विभाग ने दो वर्ष तक तो जलापूर्ति व्यवस्था को ठेके पर चलाया जाकर जलापूर्ति करवाई जाती रही।
जलापूर्ति व्यवस्था को पूरी तरह से ग्राम पंचायत को ही करने के आदेश के बाद जलदाय विभाग ने 25 अप्रेल को अपना ठेका समाप्त कर दिया। ठेका समाप्त हो जाने के बाद भी अधिकारियों के कहने से ठेकेदार ने 11 मई तक अपने श्रमिक से जलापूर्ति करवा दी। ग्राम पंचायत जलापूर्ति की व्यवस्था नहीं कर पाई।
ग्राम पंचायत जिम्मेदार
जलजीवन मिशन जलप्रदाय योजना को 10 मार्च 2023 को सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी के हस्ताक्षर करवाकर ग्राम पंचायत के सुपुर्द कर दिया था। बीस दिन पहले 25 अप्रेल को विकास अधिकारी, सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी की मौजूदगी में उपभोक्ताओं से बिल की राशि तय कर ग्राम पंचायत को राशि वसूलने के लिए अधिकृत करने का अनुबंध किया गया था। उसके बाद भी ग्राम पंचायत द्वारा जलापूर्ति व्यवस्था नहीं की गई। जबकि करवर, तलवास, आन्तरदा व पीपल्या में योजना का संचालन ग्राम पंचायतों द्वारा ही की जा रही है।
जसोदा डिडवानिया, सहायक अभियंता, जलदाय विभाग, नैनवां
जलप्रदाय योजना की जलापूर्ति व्यवस्था के लिए कोई बजट उपलब्ध नहीं है। जलापूर्ति व्यवस्था पर प्रति माह 90 बिजली व अन्य खर्चो के लिए तीन लाख रुपए खर्च होने का अनुमान है। ग्राम पंचायत के लिए इतनी राशि की व्यवस्था करना सम्भव नहीं है, जिससे ग्राम पंचायत जलापूर्ति की व्यवस्था नहीं कर पा रही।
रामलाल खींची, सरपंच, दुगारी