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1924 में पहली बार बनी थी 20 प्रतिमा, आज देशभर में बुरहानपुर का नाम

- गणेशोत्सव

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 20 statues built for the first time in 1924, today Burhanpur was named nationwide.

20 statues built for the first time in 1924, today Burhanpur was named nationwide.

- १९७६ से शुरू हुआ पीओपी से बनी प्रतिमा का निर्माण
- महाराष्ट्र, मप्र से लेकर कई राज्यों में जाती है बुरहानपुर से प्रतिमाएं
बुरहानपुर. मुंबई के बाद देशभर में मूर्ति निर्माण में पहचान बना चुके बुरहानपुर का इतिहास ९५ साल पुराना है। 1924 में पहली बार गाजानंद बाबूराव वैद्य ने बुरहानपुर में २० मिट्टी की प्रतिमा का निर्माण किया था। आज प्रतिमाओं के निर्माण में बुरहानपुर की पहचान बन गई। महाराष्ट्र और मप्र सहित कई राज्यों से लेकर विदेशों तक यहां से प्रतिमाएं जा चुकी है।
जिस तरह बुरहानपुर कपड़ा, केले के लिए जाना जाता है, उसी तरह शहर की पहचान प्रतिमा निर्माण में भी है। बुरहानपुर ऐसा शहर है, जहां मूर्ति निर्माण कर बड़ी प्रतिमाएं यहां बैठाई जाती है, यहां का उत्सव भी पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध है। शहर के महाजनापेठ निवासी गजानंद बाबूराव वैद्य ने १९२४ में प्रतिमा निर्माण शुरू करने के बाद आज शहर में ५० के करीब मूर्तिकार है, सैकड़ों मूर्तियां यहां बनाई जाती है और अन्य राज्यों में जाती है।
यहां से शुरू हुआ पीओपी प्रतिमा का निमाण
मूर्तिकार अतुल वैद्य ने बताया कि उनके दादा ने मूर्ति निर्माण शुरू किया, इसके बाद उनके पिता १९७६ में जेजे आटर््स कॉलेज मुंबई से डिप्लोमा करने के बाद पीओपी की मूर्ति बनाना शुरू किया। यह चलन तब से बहुत बढ़ा। अतुल वैद्य ने बताया कि सबसे पहली बड़ी प्रतिमा राजपुरा में मदन गोपाल कॉम्प्लेक्स के पास बैठी थी, इसके बाद इसका चलन बढ़ गया।
इन शहरों में जाती है प्रतिमाएं
गणेशजी की प्रतिमाओं की डिमांड बुरहानपुर से निकलकर प्रदेश और विदेशों तक हो गई है। मूर्तिकारों का कहना है कि पिछले तीन साल पूर्व दुबई के व्यापारी प्रतिमा ले गए थे। इसके अलावा अलावा प्रदेश के हरदा, हरसूद, खंडवा, इटारसी, जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर तक बुरहानपुर से प्रतिमाएं जाती है। जबकि महाराष्ट्र के सावदा, फेजपुर, जलगांव, भुसावल में भी शहर की प्रतिमाएं प्रसिद्ध है।
दो दिन पहले तक रवाना
अन्य शहरों में जाने वाली प्रतिमाएं पिछले सप्ताहभर से निकल रही है। कोई ट्रक में तो कोई ट्रॉली में प्रतिमाएं ले जा रहा है। शनिवार को इंदौर, उज्जैन, खंडवा की ओर प्रतिमाएं रवाना हुईं। इधर शहर का बाजार भी प्रतिमाओं से सज गया है। इस बार विभिन्न रूपों में गणेशजी की प्रतिमाएं लोगों को लुभा रही है। भगवान श्रीकृष्ण के रूप में और राजा के रूप मे प्रतिमाएं बनी है।