जिला अस्पताल के लिए जगह की कमी, संसाधन, बजट और स्टॉफ की समस्या नासूर बनती जा रही है। चिकित्सकों की कमी झेल रहे अस्पताल में संसाधनों का भी बड़ा अभाव है। तहसील के अस्पताल को 2003 में जिला अस्पताल का दर्जा तो मिल गया, लेकिन सुविधाएं अब तक उस स्तर की नहीं मिली। सोनोग्राफी, सिटी स्केन, डिजिटल एक्स-रे की जांच अब तक अनुबंध के आधार पर निजी अस्पतालों में की जा रही है। लेकिन पिछले तीन माह से बजट न आने से यह जांच भी बंद हो गई।