सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों के नियमित त्रैमासिक, अद्र्धवार्षिक व वार्षिक परीक्षाओं होती है। नियमित एवं मासिक मूल्यांकन की व्यवस्था है, लेकिन नियमित एवं सुनियोजित नहीं है। अब पूरे प्रदेश में सरकारी स्कूलों में एक नियमित तिथि को मूल्यांकन होगा। स्कूलों में नियमित रूप से मासिक मूल्यांकन की होगा। इससे शिक्षक प्रत्येक विद्यार्थी के सीखने के स्तर का पता लगा सकेगा, साथ ही विद्यार्थियों के स्तर की वृद्धि के लिए सुधारात्मक काम कर सके।