दक्षिण यात्रा के दौरान श्री गुरुगोविंदसिंहजी बुरहानपुर रुके थे, उन्होंने यहां सुनहरी बीड़ साहब (गुरुग्रंथ साहब) का निर्माण कराया था और उसमें स्वर्ण हस्ताक्षर किए थे। प्रकाशोत्सव पर बीड़ साहब के दर्शन कराए जा रहे हैं। इसके बाद वे नांदेड़ गए थे। गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी अधीक्षक शैली कीर ने बताया हस्ताक्षर में उन्होंने सतनाम श्रीवाहे गुरु लिखा है।