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देशप्रेम की भावना जगाने 6 माह 9 दिन बुरहानपुर में ठहरे थे गुरुगोविंदसिंहजी 

दक्षिण यात्रा के दौरान श्री गुरुगोविंदसिंहजी बुरहानपुर रुके थे, उन्होंने यहां सुनहरी बीड़ साहब (गुरुग्रंथ साहब) का निर्माण कराया था और उसमें स्वर्ण हस्ताक्षर किए थे। प्रकाशोत्सव पर बीड़ साहब के दर्शन कराए जा रहे हैं।

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Rajiv Jain

Jan 04, 2017

Gurudwara Shri Badi Sangat Patshahi Dasvin Sahib B

Gurudwara Shri Badi Sangat Patshahi Dasvin Sahib Burhanpur on 350th Prakash Parv of gobind singh

(गुरुद्वारा बड़ी संगत को इस तरह सजाया गया है)
बुरहानपुर. सिख समाज के दसवें गुरु श्री गुरु गोविंदसिंहजी साहेब बुरहानपुर में ठहरे थे। यहां पर रहकर उन्होंने लोगों में देशप्रेम की भावना प्रज्वलित की थी। उन्होंने यहां रहकर गुरुग्रंथ साहेब की रचना भी थी। गुरु बुरहानपुर में 6 माह नौ दिनों तक ठहरे थे। देशभर में गुरु श्रीगुरु गोविंदसिंहजी साहेब का 350वां जन्मोत्सव को प्रकाशोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। बुरहानपुर स्थित बड़ी संगत गुरुद्वारे को भी दुल्हन की तरह सजाया गया है। यहां देशभर से श्रद्धालु गुरुग्रंथ साहेब के दर्शन कर आशीर्वाद लेने के लिए आए हुए हैं।

Gurudwara Shri Badi Sangat Patshahi Dasvin Sahib B
सुनहरी बीड़ साहब जिस पर गुरुगोविंदसिंहजी महाराज ने हस्ताक्षर किए हैं।

बुरहानपुर में है सुनहरी बीड़ साहब
दक्षिण यात्रा के दौरान श्री गुरुगोविंदसिंहजी बुरहानपुर रुके थे, उन्होंने यहां सुनहरी बीड़ साहब (गुरुग्रंथ साहब) का निर्माण कराया था और उसमें स्वर्ण हस्ताक्षर किए थे। प्रकाशोत्सव पर बीड़ साहब के दर्शन कराए जा रहे हैं। इसके बाद वे नांदेड़ गए थे। गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी अधीक्षक शैली कीर ने बताया हस्ताक्षर में उन्होंने सतनाम श्रीवाहे गुरु लिखा है।


Gurudwara Shri Badi Sangat Patshahi Dasvin Sahib B

गुरुद्वारा से शोभायात्रा निकाली गई।

1708 में आए थे बुरहानपुर
बुरहानपुर में गुरुगोविंदसिंहजी महाराज 1708 में बुरहानपुर आए थे। यहां पर अपने भक्तों को उपदेश दिए थे। इस दौरान उन्होंने अपने धर्म और देश की रक्षा करने के लिए हमेशा तत्पर रहने का कहा था। वे धर्म और देश की रक्षा के लिए देशभर के भ्रमण पर थे। उनकी ही प्रेरणा से यहां पर 1765 में संगमरमर से निर्मित गुरुद्वारा की आधारशीला संत श्री निश्चलसिंह ने रखी थी।


Gurudwara Shri Badi Sangat Patshahi Dasvin Sahib B

युवकों ने शोभायात्रा में करतब दिखाए।
उत्साह से मनाया प्रकाशोत्सव
सिख धर्म के 10वें गुरु श्रीगुरुगोविंदसिंहजी का 350 वां प्रकाशोत्सव हर्षोल्लास से शहर में मनाया गया। प्रकाशोत्सव पर बुधवार दोपहर के समय गणपति नाका स्थिति गुरुद्वारा से विशाल शोभायात्रा निकली। इस दौरान जत्थे में शामिल युवकों ने करतब दिखाए। गुरुद्वारे में दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। दिनभर में हजारों भक्तों ने गुरुद्वारे में मत्था टेका।


Gurudwara Shri Badi Sangat Patshahi Dasvin Sahib B

श्रीगुरुग्रंथ साहिब के शोभायात्रा में शामिल महिलाएं।
शोभायात्रा निकली
दोपहर के वक्त श्रद्धालुओं का जत्था शहर में शोभायात्रा के रूप में निकला। शोभायात्रा शहर के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुए कमल टॉकीज चौक पहुंची। गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अनुसार सुबह कीर्तन आसादीवार किया गया। वहीं श्री निशान साहिबजी को बैंड-बाजे के साथ पोशाक पहनाई गई। इसके कीतर्न रागी और अरदास के बाद गुरु का लंगर हुआ। दोपहर 2.30 बजे शोभायात्रा निकली।


पटना साहिब का है खास महत्व
सिख इतिहास में पटना साहिब गुरुद्वारे का अहम स्थान है। यहां सिखों के 10वें और अंतिम गुरु, गुरु गोबिंद सिंह का जन्म यहीं 22 दिसंबर 1666 को हुआ था। सिख संप्रदाय के 5 प्रमुख तख्तों में दूसरा तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब हैं। हरिमंदिर साहिब गुरु गोविंद सिंह की याद में महाराजा रणजीत सिंह ने बनवाया था। यहां गुरु गोबिंद सिंहजी की कृपाण, लोहे की चोटी चकरी, बघनख खंजर, कमर कसा आदि रखें गए हैं।

यह हैं सिखों के गुरु
1. गुरु गुरुनानक देव
2. गुरु अंगद देव
3. गुरु अमरदास
4. गुरु रामदास
5. गुरु अर्जुन देव
6. गुरु हरगोबिंद सिंह
7. गुरु हर राय
8. गुरु हरकिशन सिंह
9. गुरु तेग बहादुर सिंह
10.गुरु गोबिंद सिंह

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