बुरहानपुर. नए शैक्षणिक सत्र की शुुरुआत एक अप्रेल से हो गई है, लेकिन सरकारी स्कूलों में पहली से 8वीं तक के विद्यार्थियों को अभी तक कई विषयों की किताबें ही नहीं मिली। ऐसे में बच्ची पुरानी किताबों से ही पढ़ाई कर रहे हैं जबकि कई स्कूलों में तो कोर्स तक शुरू नहीं हो पाया। जिमेदार अधिकारी राज्य पुस्तक निगम से किताबें मिलने के बाद वितरण करने की बात कह रहे है।
शासकीय स्कूलों में कक्षा पहली से 12वीं तक पढऩे वाले विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तक योजना में सभी विषयों की किताबों का नि:शुल्क वितरण किया जाता है। ग्रीष्मकालीन अवकाश खत्म होने के बाद दोबारा से स्कूल खुल गए है। प्राथमिक, माध्यमिक स्कूलों में अभी तक कई विषयों की किताबें ही नहीं पहुंची।बिना किताबों के ही बच्चे स्कूल पहुंचकर पुराने किताबे एवं खेलकूद कर लौट रहे है। ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की हालात अधिक खराब है। नए शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद किताबें नहीं पहुंची तो कई स्कूलों में बच्चों को एक पाठ तक नहीं पढ़ाया गया।
खंडवा से पहुंची किताबें, वितरण बाकी
शनिवार को खंडवा जिले से कुछ विषयों की किताबें बीओ और डीइओ कार्यालय पहुंची। कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विभिन्न विषय शामिल थे। जबकि हाइ स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों की वितरण प्रक्रिया चल रही है। यहां पर भी उर्दू, मराठी से लेकर कक्षा 12वीं के कुछ विषयों की किताबें मिलना शेष है। सामान्य ज्ञान से लेकर प्रयोगिक परीक्षार्थियों के लिए भी अलग-अलग विषयों की किताबें पहुंच रही है, लेकिन अभी वितरण होना है।
पहली से 8 वीं तक की कक्षाओं में करीब 45 विषयों की किताबें पढ़ाई जाती है। नए शिक्षा सत्र के लिए शासन से कुछ ही विषयों की किताबें भेजी गई है, जिसका वितरण कर दिया गया है, लेकिन बड़े विषयों की किताबें आना शेष है। हिंदी, गणित, पर्यावरण सहित अन्य विषयों की किताबें ही पहुंची है। पहली, दूसरी कक्षा की हिंदी, गणित, दूसरी कक्षा की गणित, तीसरी में पर्यावरण, चौथी कक्षा की गणित, छठवीं में भाषा और भूगोल, सातवीं में संसाधन विषय की किताबें नहीं मिली। जबकि अगर बात उर्दू विषय की करें तो उर्दू के कुल 28 टाइटल में से 18 टाइटल की किताबें ही मिली है। मराठी के कई विषय नहीं मिले है।
- सभी विषयों की किताबों की डिमांड भेज दी गई है, जो किताबें मिल रही हैं। उनका वितरण कर रहे है, शेष विषयों की किताबें भी जल्द मिलेंगी।
संतोष सिंह सोलंकी, डीइओ, बुरहानपुर