
Moti monkey on tamarind tree in Dame, trying to rest
बुरहानपुर. भावसा सिंचाई डेम में इमली के पेड़ पर फंदे बंदरों को निकालने के लिए वन विभाग अमला लगतार प्रयास कर रहा है। पेड़ के पास नाव रखने के बाद भी बंदर पेड़ से नीचे उतरकर नाव में नहीं बैठे। इस पेड़ के सहारे 200 मीटर का लंबा रस्सा बनाकर बंदरों को दूसरी तरफ पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा।
डीएफओ विजय सिंह ने कहा कि डेम के पेड़ पर फंसे बंदरों को बचाने के लिए वन अमला लगातार प्रयास कर रहा है। वन अफसर भी लगातार नजर बनाए हुए है। पेड़ पर फंसे कुछ बंदर बाहर आ गए है, जबकि लगभग दो से तीन बंदर ही पेड़ पर फंसे है। पहले नाव रखी गई थी, लेकिन बंदर नाव में नहीं बैठ। काफी कोशिश करने के बाद भी बंदर पेड़ के नीचे नहीं उतरे रहे है। इसलिए अब लगभग 200 मीटर की रस्सी बांधकर बंदरों को दूसरी तरफ पहुंचाने का प्रयास वन अमला कर रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि जुलाई माह में डेम के अंदर अचानक पानी बढ़ा था। जंगल के अंदर डेम निर्माण होने से यहां पर बंदरों का झुंड रहता था जो इमली के एक पेड़ पर फंसे गए। ग्रामीणों सहित तैराकों ने भी बंदरों को बचाने की काफी कोशिश की। लंबे समय से बंदर इमली के पेड़ की पत्तियां और छाल जिंदा रह रहे थे, लेकिन अब पत्तियां खत्म होने से कई बंदरों की भूख के कारण मौत हो रही है। ग्रामीण उन्हे जिंदा रखने के लिए भोजन सहित फल पहुुंचाने का प्रयास कर रहे है, लेकिन पानी अधिक होने से मदद नहीं कर पा रहे है।
वन अमले ने शुरू किया रेस्क्यू
पेड़ पर बंदर फंसे होने के बाद वन विभाग बोदली रेंज के अफसर लगातार बंदरों को बचाने में जुड़े है। पहले महाराष्ट्र के तैराकों को बुलाया गया था, लेकिन बंदर पेड़ के नीचे नहीं उतरे। रेंज विक्रम सूलिया ने बताया कि पेड़ पर जिंदा बंदरों को बचाने के लिए लंबे समय से कोशिश की जा रही है। इसलिए अब डेम में एक नाव रखी जा रही है, जिसमें बंदरों को बैठाने की कोशिश की जाएगी।
Published on:
21 Nov 2023 12:21 pm
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