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15 साल का यह युवा आंत्रप्रेन्योर, तैयार कर रहा भारत की अगली स्टार्टअप पीढ़ी

शौर्य के आंत्रप्रेन्योरशिप सफर की शुरुआत तब शुरू हुई जब उन्हें एहसास हुआ कि स्कूल के बाद वो अपना समय बर्बाद कर रहे हैं और वे इस समय को किसी क्रिएटिव काम में इस्तेमाल कर सकते हैं. बिल गेट्स से प्रेरित होकर उन्होंने नई स्किल्स सीखने में खुद को झोंक दिया.

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शौर्य ने EntreprenX और LEAP जैसे प्रोजेक्ट्स और स्टार्टअप्स शुरू किए हैं (PC: Insta/Shaurya Gaikwad)

जिस उम्र में बच्चे स्कूल की किताबों में उलझे रहते हैं, उस उम्र में पुणे के शौर्य गायकवाड़ ने अपनी आंत्रप्रेन्योरशिप के सफर की शुरुआत कर दी. शौर्य आज 15 साल के हैं और यूथ आंत्रप्रेन्योर के तौर पर पहचाने जाते हैं. वो यंग आंत्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर 2024 का सम्मान हासिल कर चुके हैं. माइक्रोसॉफ्ट लर्न स्टूडेंड एम्बेसेडर भी हैं, वर्ल्ड एंड इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड होल्डर हैं, जो उनकी लगन और बिज़नेस स्किल को मान्यता देता है और टेक्नोलॉजी में उनकी सक्रिय भागीदारी को दर्शाता है.

स्टार्टअप में दिखाया 'शौर्य'

शौर्य ने EntreprenX (अफोर्डेबल IT सर्विसेज जैसे कि ऐप्स और वेबसाइट्स ) और LEAP (युवा आंत्रप्रेन्योर्स की मेंटरिंग) जैसे प्रोजेक्ट्स और स्टार्टअप्स शुरू किए हैं, जिनका मकसद युवाओं को टेक्नोलॉजी, डिजिटल स्किल्स और स्टार्टअप दुनिया से जोड़ना है. LEAP प्रोग्राम के जरिए वो 8वीं से 10वीं कक्षा के छात्रों को बिज़नेस स्ट्रेटेजी, डेटा एनालिटिक्स, डिजिटल मार्केटिंग और लीडरशिप जैसी स्किल्स सिखा रहे हैं. प्रोग्राम में रियल-वर्ल्ड प्रोजेक्ट्स, केस स्टडीज और इंडस्ट्री लीडर्स से मेंटरशिप भी शामिल है. साथ ही एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी बनाया जा रहा है जो युवा आंत्रप्रेन्योर्स के लिए लगातार लर्निंग और नेटवर्किंग की सुविधा देगा.

ऐसे शुरू हुआ सफर


शौर्य के आंत्रप्रेन्योरशिप सफर की शुरुआत तब शुरू हुई जब उन्हें एहसास हुआ कि स्कूल के बाद वो अपना समय बर्बाद कर रहे हैं और वे इस समय को किसी क्रिएटिव काम में इस्तेमाल कर सकते हैं.
बिल गेट्स से प्रेरित होकर उन्होंने नई स्किल्स सीखने में खुद को झोंक दिया. जब शौर्य कक्षा 6 में थे तब उन्होंने कोडिंग करना सीख लिया था और 7वीं में उन्होंने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का पहला स्टार्टअप शुरू किया था. शौर्य का मानना है कि नौकरी करके वो कभी भी अपने सपनों को पूरा नहीं कर सकते हैं.

चुनौतियां और कामयाबी


हालांकि सफर आसान नहीं था, सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में उनकी शुरुआती कोशिशों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. जैसे - भरोसा हासिल करना, संसाधनों तक पहुंच बनाना, शिक्षा और तेजी से बदलते टेक्नोलॉजी के साथ तालमेल बनाए रखना. शौर्य ने इन सभी मुश्किलों का सामान किया और अंत में उपलब्धियां हासिल कीं, जैसे वो लेखक भी बने और उन्होंने 'Young Entrepreneur of the Year 2024' का खिताब भी जीता. शौर्य का लक्ष्य एक बड़ा प्लेटफॉर्म बनाना है जो टेक्नोलॉजी और एंटरप्रेन्योरशिप सीखने वाले युवाओं को जोड़ सके.
शौर्य हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू में एडवाइजरी काउंसिल में भी शामिल हैं.

आज की तारीख में शौर्य देश की कई बड़ी कंपनियों के साथ मिलकर काम करते हैं, टॉप कॉलेज और बड़े इवेंट्स में युवाओं को आंत्रप्रेन्योरशिप के लिए प्रेरित करते हैं. उन्होंने एक AI प्लेटफॉर्म GoLeap भी लॉन्च किया है जिसमें वो इंडस्ट्री के जाने-माने लोगों को उन छात्रों की मदद करने के लिए प्रेरित करते हैं जो अपने लिए कुछ करना चाहते हैं.