
बैंककर्मी लंबे समय से हर शनिवार को छुट्टी घोषित करने की मांग कर रहे हैं। (PC: AI)
बैंक कर्मचारी पिछले काफी समय से 5-डेज बैंकिंग (5-Days Banking) की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि काम का बोझ काफी बढ़ गया है और वर्क-लाइफ बैलेंस के लिए यह जरूरी है। इसके साथ ही वह ये सवाल भी पूछते हैं कि जब आरबीआई, एलआईसी जैसे दूसरे सरकारी संस्थानों में 5-दिन कामकाज की व्यवस्था है, तो बैंकों में इसे लागू क्यों नहीं किया जा सकता? कुछ वक्त पहले बैंक यूनियन ने एक प्रस्ताव पेश करते हुए यह भी बताया था कि 5-डेज बैंकिंग से कामकाज प्रभावित नहीं होगा, क्योंकि बैंक कर्मचारी कुछ अतिरिक्त देर तक काम करेंगे।
बैंक कर्मियों का 5-डेज बैंकिंग का प्रस्ताव काफी पुराना है। 2023 में इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) और बैंक यूनियनों के बीच इस पर सहमति बनी थी। इसी साल 25 जुलाई को लोकसभा में एक लिखित जवाब में वित्त मंत्रालय ने बताया था कि इंडियन बैंक एसोसिएशन ने सभी शनिवार को अवकाश घोषित करने का प्रस्ताव दिया है। बैंक यूनियनों ने सरकार को यह आश्वासन भी दिया है कि 5-डेज बैंकिंग से कामकाज प्रभावित नहीं होगा। प्रस्ताव में कहा गया है कि बैंक कर्मचारी हर दिन 40 मिनट अतिरिक्त काम करेंगे। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कन्फेडरेशन (AIBOC) का मानना है कि 5-डेज बैंकिंग से कर्मचारियों का हौसला बढ़ेगा, उत्पादकता बढ़ेगी और बैंकिंग सेक्टर काम करने के मॉर्डन तरीकों के साथ खुद को अलाइन कर पाएगा।
5-डेज बैंकिंग की मांग को लेकर बैंक कर्मचारी कई बार हड़ताल पर भी जा चुके हैं। मार्च, 2025 में इस मांग ने तब जोर पकड़ा, जब IBA और बैंक यूनियनों ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए एक जॉइन्ट नोट साइन किया और उसे विचार करने के लिए सरकार को भेज दिया। जुलाई में वित्त मंत्रालय ने बताया था कि प्रस्ताव विचाराधीन है। इससे पहले, अप्रैल में सरकार ने संकेत दिया था कि सप्ताह में पांच दिन कामकाज के प्रस्ताव को वित्त वर्ष 2025-26 में लागू करने की संभावना कम है। 5-डेज बैंकिंग के लिए वित्त मंत्रालय और आरबीआई की मंजूरी जरूरी है।
बैंक फिलहाल अगस्त, 2015 में लागू किए गए सिस्टम को फॉलो करते हैं। सरकार ने नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट के तहत महीने के हर दूसरे और चौथे शनिवार को बैंकों में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था। शेष सभी शनिवार को बैंक सामान्य दिनों की तरह खुले रहते हैं।
बैंक कर्मचारियों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में काम का बोझ काफी बढ़ा है। ऐसे में 5-डेज बैंकिंग से उन्हें न केवल कुछ राहत मिलेगी बल्कि परिवार के साथ बिताने के लिए कुछ अतिरिक्त समय भी मिल जाएगा। बता दें कि इसी साल जुलाई में एक बैंक कर्मी ने काम के बोझ का हवाला देते हुए आत्महत्या कर ली थी। महाराष्ट्र के बारामती में पोस्टेड बैंक मैनेजर का शव उनके केबिन में ही मिला था, उन्होंने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि 5-डेज बैंकिंग के प्रस्ताव को कब तक मंजूरी मिल सकती है? इस सवाल का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। सरकार प्रस्ताव पर अभी भी विचार कर रही है। इसके लिए वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मंजूरी आवश्यक है। जब तक हरी झंडी नहीं मिल जाती, बैंकों को मौजूदा सिस्टम के तहत ही काम करना होगा, यानी - दूसरे और चौथे शनिवार की छुट्टी।
Published on:
01 Dec 2025 09:50 am
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