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Salary Hike: 74% कर्मचारियों का FY25 में हुआ इंक्रीमेंट, किस सेक्टर में कितना बढ़ा वेतन, देखिए आंकड़े

Salary Hike: 74% प्रोफेशनल्स ने कहा कि उन्हें वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान इंक्रीमेंट मिला है। यह इंक्रीमेंट 5 से 10% के दायरे में हुआ है।

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भारत

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Pawan Jayaswal

Jul 23, 2025

Salary Hike
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सबसे अधिक पैकेज हीरो मोटोकॉर्प के पवन मुंजाल और बजाज फाइनेंस के राजीव जैन का रहा।

निफ्टी 50 यानी देश की टॉप 50 कंपनियों में शामिल 26 कंपनियों ने अपने टॉप एग्जीक्यूटिव (CEO) को मिलने वाले सैलरी पैकेज का खुलासा किया है। इसमें से 10 कंपनियों के एग्जीक्यूटिव्स का पैकेज वित्त वर्ष 2024-25 में 10% से अधिक बढ़ा। वहीं 5 कंपनियां ऐसी रहीं, जिनमें सीईओ का पैकेज कम हुआ है। सबसे अधिक पैकेज हीरो मोटोकॉर्प के पवन मुंजाल और बजाज फाइनेंस के राजीव जैन का रहा। दोनों को 100-100 करोड़ रुपये से अधिक मिले। इनके पैकेज का एक बड़ा हिस्सा परफॉरमेंस-लिंक्ड इंसेंटिव्स और कई वर्षों का स्टॉक ऑप्शंस रहा। वहीं, फिक्स्ड सैलरी का हिस्सा कम रहा। सर्वे में शामिल 74% पेशेवरों ने कहा कि उन्हें वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान वेतन वृद्धि मिली है।

एक तरफ जहां टॉप कंपनियों के एग्जीक्यूटिव्स का पैकेज बढ़ा है। वहीं, भारतीय कंपनियों में सीनियर और लीडरशिप पोजीशन पर काम करने वाले 32% लोगों को कोई इंक्रीमेंट नहीं मिला है। जबकि ऐसे फ्रेशर्स की संख्या 25% है।

तनख्वाह बढ़ी, पर असंतोष बरकरार

सर्वे में शामिल 74% पेशेवरों ने कहा कि उन्हें वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान वेतन वृद्धि मिली है। हालांकि, अधिकांश को यह वृद्धि 5 से 10% के दायरे में ही मिली, जबकि 20% से अधिक वृद्धि पाने वालों की संख्या बहुत कम रही। जिन लोगों को 20% से अधिक वेतन वृद्धि मिली, उनमें से भी 86% ने कहा कि वे नौकरी बदलने की सोच रहे हैं। सिर्फ 32% पेशेवरों ने कहा कि उन्हें उनकी अपेक्षा के अनुसार वेतन वृद्धि मिली, जबकि सिर्फ 36% ने कहा कि उनके संगठन की मूल्यांकन प्रक्रिया प्रभावी थी। आइटी, एजुकेशन और विज्ञापन जैसे क्षेत्रों में 41% कर्मचारियों को कोई वेतन वृद्धि नहीं मिली। इसके विपरीत ऊर्जा क्षेत्र में 26% कर्मचारियों को 20% से अधिक वृद्धि मिली।

वेतनवृद्धि अब 'रिटेंशन टूल' नहीं

पहले माना जाता था कि अगर कर्मचारी की सैलरी बढ़ा दी जाए, तो वह संतुष्ट रहेगा और नौकरी नहीं छोड़ेगा। यही वजह थी कि कंपनियां वेतनवृद्धि को मुख्य ‘रिटेंशन टूल’ (कर्मचारियों को बनाए रखने का साधन) मानती थीं। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। वेतन बढ़ने के बावजूद कर्मचारी खुद को सीमित अवसरों में फंसा महसूस करते हैं। अब नौकरी में वर्क-लाइफ बैलेंस, स्किल अपग्रेडेशन, लीडरशिप में भरोसा और कॅरियर ग्रोथ कहीं ज्यादा मायने रखते हैं। यही वजह है कि इस साल वेतन वृद्धि के बावजूद भारत के 85% से ज्यादा पेशेवर अगले एक साल में नौकरी बदलने की योजना बना रहे हैं। जॉब पोर्टल फाउंडइट के सर्वे के मुताबिक, अब सिर्फ वेतनवृद्धि कर्मचारियों को रोक पाने में सक्षम नहीं है।