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BOJ Rate Hike: जापान में 30 साल के हाई पर पहुंचीं ब्याज दरें, हमारे बाजार पर क्या होगा असर?

Impact of Japan rate hike on Indian market: जापान के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों में वृद्धि का ऐलान किया है। फिलहाल इसका कोई असर भारतीय बाजार पर देखने को नहीं मिला है।

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भारतीय शेयर बाजार में फिर तेजी लौट आई है। (Photo- IANS)

Japan interest rate hike: जापान ने ब्याज दरों में इजाफा किया है। बैंक ऑफ जापान (BOJ) ने आज (19 दिसंबर) नीतिगत ब्याज दरों में 25bps की बढ़ोतरी की है। इसके साथ ही जापान में ब्याज दरें 30 सालों से उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। जापान ब्याज दरों में इजाफे से बचता रहा है। कोरोना महामारी के समय भी जब दुनिया भर के केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में वृद्धि कर रहे थे, जापान ने उन्हें स्थिर रखा था। हालांकि अब हालात बिल्कुल अलग हैं।

इस वजह से बढ़ीं ब्याज दरें

बढ़ती महंगाई के चलते बैंक ऑफ जापान को अपने रुख में बदलाव करना पड़ा है। BOJ ने नीतिगत ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट्स (BPs) की बढ़ोतरी करते हुए दर को 0.75% कर दिया है। जापान में महंगाई पिछले कई महीनों से केंद्रीय बैंक के टारगेट से ऊपर चल रही है। यदि इस बार भी ब्याज दरों को लेकर नरमी बरती जाती, तो महंगाई तेजी से बढ़ सकती है। इसी को ध्यान में रखते हुए ब्याज दरों में वृद्धि का फैसला लिया गया है।

इसलिए नहीं दिखा असर

वहीं, जापान से आई इस खबर से भारतीय बाजार बेसर दिखाई दे रहा है। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में उछाल देखने को मिली। सेंसेक्स जहां 500 अंक चढ़ गया। वहीं निफ्टी 50 पॉइंट्स की मजबूती हासिल करने में कामयाब रहा। मिंट की रिपोर्ट में जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट वीके विजयकुमार के हवाले से बताया गया है कि यह लगभग पहले से ही तय था कि जापान में ब्याज दरों में 25bp बढ़ोतरी होगी। इसलिए मार्केट पर इसके असर की संभावना नहीं है। फिलहाल मार्केट की नजर BOJ के महंगाई के मद्देनजर आगे लिए जाने वाले फैसलों पर है।

आगे क्या अनुमान?

वीके विजयकुमार ने कहा कि अगर बैंक ऑफ़ जापान के गवर्नर Kazuo Ueda आगे भी ब्याज दरों में वृद्धि का संकेत देते हैं, तो बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है। वहीं, इक्विनॉमिक्स रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर और रिसर्च हेड जी चोक्कालिंगम का कहना है कि जापान की अर्थव्यवस्था ऐसी स्थिति में नहीं है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी लंबे समय तक कायम रहे। टैरिफ जैसे फैसलों ने ग्रोथ को धीमा किया है। ज्यादा से ज्यादा एक और बढ़ोतरी हो सकती है, उसके बाद यह मुश्किल हो जाएगा। कुछ दूसरे एक्स्पर्ट्स का भी मानना है कि जापान के लिए ब्याज दरों में लगातार वृद्धि मुश्किल है।

कैपिटल फ्लो होगा प्रभावित!

आमतौर पर माना जाता है कि ब्याज दरों में वृद्धि से देश की करेंसी को मजबूती मिलती है। अगर जापानी करेंसी येन में मजबूती आती है, तो इससे ग्लोबल कैपिटल फ्लो प्रभावित हो सकता है। भारत जैसे उभरते बाजारों में निवेश करने वाले जापानी निवेशक वापस लौट सकते हैं। एक्स्पर्ट्स का यह भी कहना है कि ब्याज दरों में इजाफे से जापान का बॉन्ड बाजार भी प्रभावित होगा। 10 साल का बॉन्ड यील्ड सुबह 9:55 बजे बढ़कर 1.9% हो गया, जो मई 2006 के बाद सबसे ऊंचा लेवल है। यदि यह 2.5% के स्तर तक पहुंच जाता है, तो जापान सरकार की उधारी लागत तेज रफ्तार से बढ़ सकती है।