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छोटे करदाताओं को सरकार ने दी राहत, अब नहीं खुलेंगी 6 वर्ष पुरानी फाइलें

locationनई दिल्लीPublished: May 13, 2022 10:52:43 am

करदाताओं के लिए अच्छी खबर है। दरअसल सरकार की ओर छोटे करदाताओं को बड़ी राहत दी गई है। सीबीडीटी ने अधिकारियों से कहा है कि 50 लाख रुपए से कम टैक्स वाली 6 साल पुरानी फाइलों को न खोला जाए। हालांकि सीबीडीटी ने कहा कि 2015-16 और 2016-17 के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा जा सकता है।

Central Govt Releif For Small Taxpayers More Than 6 Year Old Files Will Not Open

Central Govt Releif For Small Taxpayers More Than 6 Year Old Files Will Not Open

छोटे करदाताओं के लिए अब बड़ी राहत की खबर सामने आई है। दरअसल सीबीडीटी ने अधिकारियों से कहा है कि 50 लाख रुपए से कम टैक्स वाली 6 साल पुरानी फाइलों नहीं खोला जाए। यानी ऐसे करदाताओं को सरकार की ओर से बड़ी राहत दी गई है। ऐसे में वित्तवर्ष 2012-13, 2013-14 और 2014-15 के दौरान अगर किसी करदाता का टैक्स 50 लाख से कम है तो उसे फिर से असेसमेंट का नोटिस नहीं भेजा जाएगा। बता दें कि, केंद्र सरकार ने बजट 2021-22 में इनकम टैक्स असेसमेंट को फिर से खोलने के समय को 6 साल से घटाकर 3 साल कर दिया था, हालांकि आयकर विभाग ने इसके बाद भी 3 साल से ऊपर के टैक्स से जुड़े सभी मामलों में री-असेसमेंट के लिए नोटिस भेज दिया था।
इन करदाताओं को नहीं मिली राहत
6 साल पुरानी फाइलों को तो नोटिस नहीं भेजा जाएगा, लेकिन सीबीडीटी ने कहा कि 2015-16 और 2016-17 के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा जा सकता है।

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इसके लिए 30 दिनों के भीतर रीअसेसमेंट की प्रक्रिया शुरू कर इसकी जानकारी टैक्सपेयर को दी जाए। CBDT ने कर अधिकारियों से ये भी कहा है कि वे करदाताओं को री-असेसमेंट के लिए दो हफ्तों का समय दें।

सीबीडीटी ने इसके साथ ये भी कहा है कि, अगर करदाता की ओर से कोई समय बढ़ाने का अनुरोध आता है तो समय सीमा बढ़ाई जा सकती है।

बता दें कि, सरकार ने बजट में इनकम टैक्स असेसमेंट को फिर से खोलने के समय को 6 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष कर दिया था, इसके साथ ही रीअसेसमेंट के लिए नोटिस भी भेजे गए थे। इसके बाद इन नोटिसों को कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

चुनौती के बाद आयकर विभाग ने सुप्रीमकोर्ट में इन नोटिस को जारी रखने के लिए अपील दायर की। शीर्ष अदालत ने आयकर विभाग के पक्ष में फैसला सुनाया था, हालांकि इसके बाद अब आयकर विभाग ने छोटे करदाताओं को राहत देने का फैसला किया है।

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