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30,000 हजार करोड़ के रक्षा सौदे मंजूर, सेना को नई तोपें

रक्षा खरीद परिषद ने सेना के लिए 428 नई एयर डिफेंस गन और नौसेना के लिए 4 पी 8आई गश्ती विमानों सहित कुछ अन्य सौदों को हरी झंडी दिखाते हुए लगभग 30 हजार करोड़ रुपए के रक्षा सौदों को मंजूरी दी।

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vijay morya

Jul 15, 2015

रक्षा खरीद परिषद ने सेना के लिए 428 नई एयर डिफेंस गन और नौसेना के लिए 4 पी 8आई गश्ती विमानों सहित कुछ अन्य सौदों को हरी झंडी दिखाते हुए लगभग 30 हजार करोड़ रुपए के रक्षा सौदों को मंजूरी दी।

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता में यहां हुई रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की बैठक में सेना के लिए 18 हजार करोड़ रुपए से अधिक तथा नौसेना के लिए लगभग 12 हजार करोड़ रुपए के सौदों पर मुहर लगाई।


रक्षा सूत्रों के अनुसार सेना अब तक दशकों पुरानी एल-70 और जेड यू -23 तोप इस्तेमाल कर रही थी। अब इनकी जगह 428 नई एयर डिफेंस गन लेंगी, जो इन दोनों तोपों का मिश्रण होगी। ये तोपें मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत बनाई जाएंगी और इन पर 16 हजार 900 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इन तोपों की खरीद जरूरत के अनुसार की जाएगी। इनके लिए जल्द ही प्रस्ताव आमंत्रित किए जाएंगे।


डीएसी ने नौसेना के लिए अमरीका से 4380 करोड़ रुपए की लागत से 4 पी 8 आई निगरानी विमानों की खरीद को भी मंजूरी दी। इस सौदे के लिए आफसेट उपबंध में बदलाव किया गया है। डीएसी ने सेना के लिए 265 करोड़ रुपए की लागत से एक इलेक्ट्रानिक वारफेयर प्रणाली को उन्नत बनाने की भी मंजूरी दी है। इसका निर्माण भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड द्वारा किया जाएगा।

सेना के लिए रडार को चकमा देने वाले 14000 मल्टी स्पेक्ट्रम कैमोफ्लेज नेट की 310 करोड़ रुपए की लागत से खरीद को भी मंजूरी दी गई। आर्टलरी तोपों के लिए 580 करोड़ रुपए की लागत से साढ़े तीन लाख माड्यूल की खरीद पर भी मुहर लगाई गई है।


डीएसी ने नौसेना के दिल्ली और तलवार श्रेणी के 3-3 पोतों पर उन्न्त हथियार लगाने के लिए भी 2900 करोड़ रुपए की मंजूरी दी। इसके तहत इन पोतों पर मिसाइल और रडार प्रणाली लगाई जाएंगी।

गुजरात के वलसुरा में 30 करोड़ रुपए की लागत से नौसेना के लिए ब्रह्मोस प्रशिक्षण केन्द्र बनाने की भी मंजूरी दी गई है। इसके अलावा 440 करोड़ रुपए की लागत से कोरा श्रेणी की 6 मिसाइल बोट को भी बदला जाएगा। नौसेना के जलाश्व जैसे छोटे जहाजों के लिए 624 करोड़ रुपए की लागत से 23 कंबेट मैनेजमेंट सिस्टम को भी मंजूरी दी गई है।

इसके अलावा मिग-29 और हाक एजेटी विमानों के लिए 200 करोड़ रुपए की लागत से एयर कंबेट मेनुवरिंग सिस्टम को भी मंजूरी दी गई है। नौसेना के सभी पोत और पनडुब्बियों के लिए 400 करोड़ रुपए की लागत से रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेन्टीफिकेशन सिस्टम पर भी परिषद ने मुहर लगाई।

डीएसी ने एनसीसी के लिए 110 माइक्रोलाइट विमानों की खरीद को भी मंजूरी दी। ये विमान स्पेन से खरीदे जाएंगे लेकिन अभी इस पर आने वाली लागत तय नहीं हुई है। मिराज विमानों के लिए उन्नत स्टीमुलेटर खरीदने पर भी सहमति बनी। इसके लिए भी अभी प्रस्ताव मंगाये जाएंगे।