
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बुधवार को बैंक डिपॉजिटर्स के हित में बड़ा फैसला लिया है। यह बैंकों में पैसा जमा रखने वालों के लिए एक खुशखबरी भी है। इस फैसले के तहत डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ( DIGC ) बिल और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप अमेंडमेंट बिल को कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि DIGC बिल के तहत किसी बैंक के मोराटोरियम के तहत होने पर भी 5 लाख रुपए तक के डिपॉजिट का इंश्योरेंस होगा। इसमें सभी बैंकों में किसी भी प्रकार के 5 लाख रुपए तक के डिपॉजिट शामिल हैं। अभी तक बैंकों में जमा राशियों में से केवल एक लाख रुपए ही सुरक्षित था।
DICGC बिल से 98.3% जमा कवर
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि DICGC बिल 2021 के तहत सभी जमाओं का 98.3% कवर किया जाएगा। जमा मूल्य के संदर्भ में यह दर 50.9 प्रतिशत है। जबकि वैश्विक जमा मूल्य सभी जमा खातों का केवल 80 फीसदी जमा ही सुरक्षित होता है। इसमें जमा मूल्य का केवल 20 से 30% शामिल होता है।
जमा पैसों को सुरक्षित बनाने की तैयारी
सरकार बैंकों (Bank) में जमा पैसे को पहले के मुकाबले ज्यादा सेफ बनाने पर काम कर रही है। इसके तहत भविष्य में बैंकों में रखे पैसे में से पांच लाख रुपए तक की राशि पूरी तरह से सुरक्षित रहेगी। इसके लिए बजट 2021—22 में केंद्र सरकार ने डीआईसीजीसी ( Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation ) कानून में संशोधन ( Proposal to amend the DICGC law ) का प्रस्ताव किया था। इससे संकट में बैंकों के जमाकर्ताओं की पांच लाख रुपए तक की पूंजी पर इंश्योरेंस प्रोटेक्टेड होगा। ताजा अपडेट के मुताबिक सरकार ने जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम ( डीआईसीजीसी ) कानून में संशोधन का प्रस्ताव करते हुए जमा राशियों पर बीमा संरक्षण को पांच गुना कर पांच लाख रुपए करने की घोषणा की है।
संकट में जमाकर्ताओं को मिलेगी राहत
माना जा रहा है कि डीआईसीजीसी कानून-1961 ( DICGC Act-1961 ) में संशोधन बैंकों के जमाकर्माओं को राहत मिलेगी जो हाल के समय में संकट में है। डीआईसीजीसी भारतीय रिजर्व बैंक की पूरी स्वामित्व वाली सब्सिडियरी इकाइ्र है। यह बैंक जमा पर बीमा कवर उपलब्ध कराती है।
इन बैंकों में संकट से कस्टमर के फंसे पैसे
हाल के समय में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव ( PMC ) बैंक, येस बैंक और लक्ष्मी विलास बैंक संकट के चलते हजारों-लाखों कस्टमर के पैसे फंसे हैं। ऐसे अंदेशा को देखते हुए सरकार कस्टमर को कम से कम पांच लाख रुपए तक की सेफ्टी की गारंटी सुनिश्चित करने की तैयारी में है।
Updated on:
28 Jul 2021 06:32 pm
Published on:
28 Jul 2021 06:24 pm
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