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बेडरूम से लेकर बालकनी तक कहीं भी उगाएं ये फसल, दो से तीन हफ्ते में शुरू हो जाएगी अच्छी कमाई

आपको पहले से ही बागवानी का कुछ ज्ञान है, तो यह आपके माइक्रोग्रीन फार्मिंग बन सकती है कमाई का बेहतरीन जरिया, कुछ ही दिनों हो सकती है लाखों की कमाई

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नई दिल्ली। कोरोना काल ( Coronavirus ) की वजह से कई लोगों के रोजगार पर संकट मंडरा रहा है। ऐसे में कुछ ऐसे काम है जो आपको घर बैठे अच्छी खासी आर्थिक मदद कर सकते हैं। इन्हीं में से एक है माइक्रोग्रीन का बिजनेस। दरअसल नए सुपर फूड माइक्रोग्रीन ( Microgreen ) काफी डिमांड में है। कोरोनाकाल के दौरान इसकी मांग और ज्यादा बढ़ी है क्योंकि लोग पोषण पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं।

आप भी घर बैठे अच्छी कमाई (Earn money) के बारे में सोच रहे हैं तो एक शानदार प्लान (Business Idea) आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। जहां आप घर बैठे हर दिन अच्छी खासी कमाई (Earn money from home) कर सकेंगे।

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ये बिजनेस प्लान है सुपर फूड माइक्रोग्रीन फार्मिंग ( Microgreen Farming ) का। फल और सब्जियों के मुकाबले इसमें करीब 40 गुना तक ज्यादा पोषण होता है। यही वजह है कि कोरोना काल में इसकी मांग काफी बढ़ी है।

कुछ लोग तो इसका बिजनेस शुरू कर हर महीने लाखों रुपए कमा रहे हैं।

ये है माइक्रोग्रीन फार्मिंग
किसी भी पौधे की शुरुआती पत्तियों को 'माइक्रोग्रीन' कहते हैं। यह पत्तियां करीब दो से तीन इंच लंबी होती हैं। जैसे कि मूली, सरसों, मूंग व अन्य चीजों के बीज की जो शुरुआती पत्तियां आती है, उसे माइक्रोग्रीन कहते हैं। माइक्रोग्रीन्स को युवा सब्जियों के तौर पर भी समझ सकते हैं।

सेहत के लिहाज से फायदेमंद
इन पत्तियों की मांग इसलिए ज्यादा है क्योंकि ये सेहत के लिए काफी फायदेमंद हैं। इन पत्तियों के 50 ग्राम रोजाना सेवन से ही शरीर में पोषण तत्वों की कमी को दूर किया जा सकता है। शुरुआत में जैसे ही ये पत्तियां आती हैं, वैसे ही जमीन या सतह से थोड़ा ऊपर से इन्हें काट लिया जाता है।

इस तरह करें माइक्रोग्रीन की खेती
लाखों की कमाई कराने वाले माइक्रोग्रीन की फार्मिंग काफी आसान है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे कोई भी और कहीं से भी शुरू कर सकता है। यानी घर की बालकनी से भी इसकी खेती आसानी से की जा सकती है।

इतना ही नहीं माइक्रोग्रीन को बेडरूम में भी उगाकर काम किया जा सकता है।

क्या है जरूरत
माइक्रोग्रीन फार्मिंग शुरू करने के लिए मिट्टी या कोको पीट, जैविक खाद या घर में बने उर्वरक , ट्रे और बीज की जरूरत होती है।

सूरज की रोशनी से बचाना जरूरी
माइक्रोग्रीन की खेती के दौरान एक बात का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। वो है, इसे सूरज की रोशनी से बचाना। हर दिन पानी का हल्का छिड़काव करना होगा और फिर यह कुछ ही दिनों में पौधे उगने लगेंगे।

ट्रे में छोटे-छोटे छेद करें और मिट्टी, जैविक खाद को मिलाकर ट्रे में डालें फिर उसमें बीज डाल कर उन्हें हल्का पानी देते रहें। कुछ सागों के लिए, उन्हें मिट्टी से ढकने की आवश्यकता नहीं होती है. लेकिन कुछ साग जैसे मटर, सूरजमुखी आदि के लिए जरूरी है कि इन्हें मिट्टी के संपर्क में रखा जाए और ट्रे से ढक दिया जाए।

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इस तरह होगी कमाई
माइक्रोग्रीन फार्मिंग ( Microgreen Farming ) के लिए आपको ज्यादा खर्च करने की जरूरत नहीं है। यह कम लागत में बेहतर कमाई का जरिया हो सकता है। खेती शुरू करने के दो से तीन सप्ताह के अंदर ही आपकी कमाई शुरू हो सकती है।

इन पत्तियों की कटाई के बाद इनकी अच्छी सी पैकिंग कर आप इन्हें पांच सितारा होटल, कैफे, सुपरमार्केट में बेच सकते हैं। जहां आपको इनकी लाखों तक कीमत मिल सकती है।

इसके अलावा आप इसे B2B बिजनेस के तौर पर कर सकते हैं। जहां आपको सिर्फ होटल और कैफे में माइक्रोग्रीन्स की सप्लाई करनी होगी। बिजनेस को और ज्यादा बढ़ाना चाहते हैं तो एक शॉप खोलकर इसे रिटेल में भी बेच सकते हैं।